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सदन में दो महत्वपूर्ण बिल पेश, तीखी नोकझोंक के बीच दोनो बिल पास

पी. चंद. शिमला |

आज सदन में दो महत्वपूर्ण बिल लाए  गए। जिनमें एक को पारित और दूसरे को निरस्त किया गया। प्रश्नकाल के बाद शिक्षा सुरेश भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि (संसोधन ) विधेयक 2019, और हिमाचल निरसन विधेयक 2019 को सदन में रखा जिसको पास कर दिया गया। इस पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी आपत्ति जाहिर की और कहा कि जो फीस बढ़ेगी वह तो लोगों से वसूली जाएगी। इसलिए इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया जाए। इस पर सुरेश भारद्वाज ने बताया कि लोगों से ये फ़ीस नहीं ली जाएगी बल्कि वकील अपनी जेब से देंगे । क्योंकि इस फ़ीस को 10 से 25 किया गया है। इसी के साथ हिमाचल प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि (संसोधन ) विधेयक 2019, पारित कर दिया गया।

हिमाचल प्रदेश निरसन विधेयक 2019  को निरस्त करने का विधेयक लाया।  इस पर सीपीआईएम नेता राकेश सिंघा ने बिल पर अपना विरोध जताते हुए कहा कि इस बिल को निरस्त करना सही नहीं होगा। इससे निजीकरण और पूंजीवाद को बढ़ावा मिलेगा। सरकार जल्दबाजी में कानून को निरस्त न किया जाए। इसलिए इस पर सरकार पुनः विचार करे। धक्का शाही में कानून को निरस्त न किया जाए।

कांग्रेस विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू व आशा कुमारी ने भी बिल को निरस्त किए जाने पर आपत्ति जाहिर की और बिल को सलेक्ट कमेटी को भेजने की सिफारिश की। सुरेश भारद्वाज ने बताया की इस प्रकार के कानूनों का कोई औचित्य नहीं रहा है। अब नए केंद्रीय कानून आ गए हैं। इसलिए ऐसे कानूनों को निरस्त किया जा रहा है। धूम्रपान को लेकर 2009 में कानून बनाया था। इसकी जगह नए कानून आ गए हैं। अब इसकी आवश्यकता नहीं है। रिपीलिंग एक्ट को सलेक्ट कमेटी में भेजने की जरूरत नहीं होती है।

विपक्ष के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यदि वह गंभीर हैं तो लिखित में इस बिल पर संसोधन देते। इस बिल को कानूनी सलाह के बाद ही निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। इस पर मुकेश अग्निहोत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ये ऐसे ही है जैसे 16 होटलों को बेचने का प्लान वेबसाइट पर चढ़ गया था। इस पर शिक्ष मंत्री भड़क गए और सदन में हल्ला होने लगा। लेकिन विधानसभा उपाध्यक्ष ने मामले को संभालते हुए सबको शांत किया। विपक्ष के विरोध के बीच सरकार ने सर्वसम्मति से  हिमाचल प्रदेश निरसन विधेयक 2019 को निरस्त कर दिया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने तीन विधेयकों हिमाचल प्रदेश लोक सेवा गारंटी (संसोधन व विधिमान्यकरण) विधेयक, हिमाचल आकाशी रज्जुमार्ग संसोधन विधेयक व हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक अधिकरण को पुन: स्थापित किया।