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राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय मेले के लिए करीब 25 करोड़ की धन राशि होती है इक्कठी, 19 करोड़ से ज्यादा होता है ख़र्च

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र में प्रश्नकाल की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। पहला सवाल किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि हिमाचल के अंतरराष्ट्रीय मेलों के लिए कितना फण्ड एकत्रित किया जाता है? फण्ड कहां से आता है? कहां खर्च होता है? और कलाकारों को कितना पैसा दिया जाता है? सारा व्यौरा दें।

जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि अंतराष्ट्रीय रेणुका मेले के लिए 84,11,826/ रुपए फण्ड एकत्रित हुआ। कुल्लू के अंतराष्ट्रीय दशहरे के लिए 6,74,78,711, रामपुर राष्ट्रीय लवी मेले के लिए 2,11,59,440, शिमला फेस्ट पर 49,78,980, मिंजर राष्ट्रीय चम्बा मेले के लिए 1,83,63,255, मंडी राष्ट्रीय शिवरात्रि मेले पर 2,81,45,146, हमीरपुर राष्ट्रीय होली सुजानपुर मेले के लिए 2,13,42,800, कुल्लू विंटर कार्निवाल मनाली राष्ट्रीय मेले पर 44,17,584 के लिए फण्ड कलेक्ट किया गया।

इसके अलावा राज्य स्तरीय रोहड़ू मेले के लिए 3727662, सिरमौर वामन द्वादशी फेयर 2795430, चम्बा मणिमहेश, 64,49,240, नलवाड़  मंडी 1,25,68,485, मंडी छेसचु रिवालसर 1,32,440, हमीर उत्सव 50,93167, किन्नौर महोत्सव 54,61,360, किन्नौर गुरु संज्ञान मेला 2,78,81, नलबाड़ी मेला बिलासपुर 1,19,64,629, ट्राइबल फेयर स्पीति 19,21,857, लदारच फेयर स्पीति 23,61,290, सूलिनी सोलन 84,48,540, कांगड़ा बैसाखी 5,20,850, लोहड़ी परागपुर 1,14,051, दसहरा जयसिंहपुर 26,35,000, शिवरात्रि बैजनाथ 27,81510 व पालमपुर होली 49,81,268 फण्ड एकत्रित किया।

जिसका कुल जोड़ 24,90,36,502 बनता है। जबकि इस मे खर्च राशि का जोड़ 19,41,27,429 है। मेलों के लिए संस्कृति विभाग दो लाख की राशि प्रदान करता है।