Follow Us:

राजधानी शिमला के 66 कार्यालय चल रहे निज़ी भवनों में, इनको स्मार्ट सिटी में लाने का नहीं कोई प्रावधान

पी. चंद, शिमला |

चार दिन के अवकाश के बाद हिमाचल विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही शुरू हुई। प्रश्नकाल में पहला सवाल भोरंज की विद्यायक कमलेश कुमारी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि भोरंज की पंचायतों के लोगों को सरकारी दफ्तरों के लिए असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। सरकार इन दफ्तरों को भोरंज निर्वाचन क्षेत्र में सम्मिलित करने का विचार रखती है।

जबाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि नहीं, वर्तमान में भोरंज में सभी विभागों के मंडलीय कार्यालय हैं। जहां तक भोरंज की 44 पंचायतों का प्रश्न है तो ये भूगौलिक परिस्थितियों के कारण पड़ती है।

दूसरा सवाल कसुम्पटी के कांग्रेसी विधायक अनिरुद्ध सिंह ने मुख्यमंत्री से पूछा था कि शिमला के कितने सरकारी कार्यालय निज़ी भवनों में चल रहे हैं। क्या सरकार स्मार्ट सिटी के तहत इन भवनों के निर्माण का विचार रखती है।

विधायक की गैरमौजूदगी में लिखित जबाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तरफ़ से आया कि शिमला में 60 विभागों के कार्यालय हैं। जिनमें से 275 कार्यालय सरकारी औऱ 66 कार्यालय निज़ी भवनों में चल रहे हैं। इनको स्मार्ट सिटी के अंर्तगत लाने का कोई प्रावधान नहीं है।

लंबे अरसे के बाद अनिल शर्मा ने भी सदन में शिक्षा मंत्री से सरदार वल्लभ भाई पटेल क्लस्टर विश्वविद्यालय और इससे संबंधित महाविद्यालयों की स्थिति की जानकारी मांगी।

जबाब में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल विश्वविद्यालय क्लस्टर का निर्माण तीव्र गति से चला हुआ है ओर इसका 30 फ़ीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है। राजकीय महाविद्यालय बासा का 80 फ़ीसदी कार्य, द्रंग स्थित नरला का 5 फ़ीसदी कार्य जबकि महाराजा लक्ष्मण सेन मेमोरियल महाविद्यालय सुंदरनगर का 80 फ़ीसदी कार्य पूरा हो चुका है।