कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने राज्य चुनाव आयोग पर एक तरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। राठौर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जिस दिन शिमला में लोकसभा के लिए नामांकन दाखिल किया । उस दिन जिलाधीश शिमला जो जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं ने राज्य निर्वाचन आयोग का हवाला देकर ये आदेश दिये कि न तो लोअर बाजार से जलूस निकाल सकते और न ही एजी चौक से उपायुक्त कार्यालय तक या माल रोड़ से किसी किस्म के जलूस और नारेबाजी की इजाजत नहीं मिल सकती। इतना ही नहीं नामांकन के समय मीडिया पर भी पूर्णतय प्रतिबन्ध लगा दिया। जिसका कांग्रेस पार्टी ने पूरी तरह पालन किया।
राठौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस नामांकन के लिए प्रशासन द्वारा दिये गये निर्देशों के विपरीत 25 अप्रैल को बीजेपी द्वारा किये नामांकन के समय आचार संहिता की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई। बीजेपी के वरिष्ठ नेता जलूसों की शक्ल में ढ़ोल नगाड़ों के साथ नारेबाजी करते हुए पुलिस प्रशासन की देखरेख में उपायुक्त कार्यालय में पहुंचे और नामांकन के दौरान कुछ मीडिया के लोगों को भी इजाजत दी गई जो सरासर पक्षपात है।
राठौर ने राज्य निर्वाचन आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बार-बार सार्वजनिक मंचों से असभ्य भाषा का प्रयोग कर रहें है। और कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल में चुनाव संपन होने तक सतपाल सती पर पूर्णतय प्रचार पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। जबकि उनको 48 घंटों का बैन लगाकर खुला छोड़ दिया जो नाकाफी है। कांग्रेस पार्टी सतपाल सती पर पूरे चुनाव के लिए प्रतिबन्ध की मांग करती है।
राठौर ने चेतावनी देते हुए सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारियों एवं राज्य चुनाव आयोग को आग्रह किया है कि बीजेपी का पिठू बनने के बजाए पक्षपात छोड़कर भारतीय चुनाव आयोग के नियमानुसार अपने कर्तव्यों का र्निवहन करें। जो विश्व के सबसे बडे़ लोकतन्त्र के लिए जरूरी है और चुनाव आयोग कि विश्वस्नीयता भी आम जन मानस के बीच कायम रह सकें।