हिमाचल प्रदेश पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती (2017-18) का मामला अभी तक लटका हुआ है। 6 महिने पहले लिखित परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बावजूद भर्ती प्रक्रिया ठप है। दरअसल, वर्तमान सरकार ने सत्ता में आते ही इस पर रोक लगा दी। लेकिन, पिछले तीन महिने से प्रदेश सरकार ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया है।
सरकार के कोई एक्शन नहीं लेने पर इससे जुड़े सैंकड़ों अभ्यर्थी परेशान हैं। समाचार फर्स्ट से कई अभ्यर्थियों ने संपर्क किया और आरोप लगाए कि प्रदेश की नई सरकार पिछले तीन महिने से कानूनी राय लेने की बात कह रही है। लेकिन, अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। इससे हमारा फ्यूचर अधर में लटका हुआ है।
क्या है पूरा मामला
वीरभद्र सरकार ने पिछले साल पुलिस-कॉन्सटेबल की भर्ती निकाली। जिसकी लिखित परीक्षा के परिणाम अक्टूबर-2017 में घोषित कर दिए गए। इसके बाद तत्कालीन सरकार की तरफ से अगली प्रक्रिया के तहत इंटरव्यू के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिए गए। लेकिन, तब तक चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी थी। उस दौरान बीजेपी की शिकायत पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी। लेकिन, नई सरकार के गठन के बाद भर्ती प्रक्रिया को जस का तस ही रहने दिया गया।
इस संबंध में अभ्यर्थियों के एक समूहने जनवरी-2018 में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की थी और अपना मुद्दा उनके सामने उठाया था। उस दौरान मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों को मामले में कानूनी सलाह लेने की बात कही थी। अब अभ्यर्थियों का कहना है कि क्या पिछले तीन महिने से सरकार कानूनी सलाह ही ले रही है।
अधर में लटका है फ्यूचर
समाचार फर्स्ट के साथ बातचीत में लिखित परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों ने अपनी पीड़ा जाहिर की। इनका कहना है कि महिनों से भर्ती प्रक्रिया ठप है। हमारा फ्यूचर अधर में लटका है। उम्र सीमा भी लगातार हमारे जहन में तनाव पैदा कर रही है। कईयों का कहना था कि उन्हें हर वक़्त इसी का स्ट्रेस दिमाग में बना रहता है। अच्छा होगा सरकार इसमें कोई तुरंत फैसला ले, ताकि हमारा तनाव जल्द से जल्द खत्म हो।
16 अप्रैल से भूख-हड़ताल की चेतावनी
पुलिस भर्ती पर रोक से प्रभावित अभ्यर्थियों ने 'पुलिस भर्ती संघर्ष समिति 2017-18' के बैनर तले आंदोलन छेड़ने की बात कही है। इनका कहना है कि अगर हिमाचल सरकार 27 मार्च को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस मसले पर कोई संज्ञान नहीं लिया तो वे 16 अप्रैल को आक्रोश रैली निकालेंगे और अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।