नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने लोकसभा चुनाव के बीच सरकार के चहेते अफसरों को दिए जा रहे सेवा विस्तार पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम निष्पक्ष चुनाव पर संदेह पैदा करते हैं और निर्वाचन आयोग को ऐसी मंजूरी देने से पहले गंभीरता से विचार करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हाल ही में पीडब्ल्यूडी में चीफ इंजीनियर को दी गई एक्सटेंशन से सभी इंजीनियर परेशान हैं। नौबत यहां तक आ गई है कि इन्हें मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर अपना गुस्सा व्यक्त करना पड़ा। विपक्षी दल कांग्रेस ने ऐसी आशंका को देखते हुए पहले ही सेवा विस्तार की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। बावजूद इसके एक चहेते अफसर को सेवा विस्तार मिलना चिंताजनक है। हालांकि इस घटना ने भाजपा सरकार की कथनी और करनी के अंतर को बपर्दा कर दिया है।
यही बीजेपी पूर्व कांग्रेस सरकार के समय रिटायर्ड और टायर्ड अफसरों का रोना रोती थी। अब खुद हाईकोर्ट के आदेशों को दरनिकार का सेवा विस्तार दिये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस प्रदेश के लोगों को बताना चाहिए कि आखिर एक अफसर को नियमों के खिलाफ जाकर सेवा विस्तार देने के पीछे क्या मंशा है? ये सारी कृपा आखिरकार अब तक मुख्यमंत्री के गृह जिला के पीडब्ल्यूडी अफसरों पर क्यों हो रही है?
मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि इनकी ही सरकार ने फरवरी 2018 में सभी विभागों को लिखित निर्देश जारी कर ऐसे सेवा विस्तार पर रोक लगाई थी। अब उसी सरकार ने नियम कायदे भूलकर सेवा विस्तार का रास्ता पकड़ लिया। नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि मुख्य विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस की चिंता ये है कि शिकायत होने के बावजूद निर्वाचन आयोग ने इसकी मंजूरी दे दी। कांग्रेस इस मसले पर अब वैकल्पिक कदमों पर विचार कर रही है। कांग्रेस विधायक दल पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों की नाराजगी से भी सहमत है, जिनकी प्रमोशन इस सेवा विस्तार से प्रभावित हुई।