Follow Us:

अग्निहोत्री के निशाने पर सरकार की BPL परिवारों के लिए नई नीति

समाचार फर्स्ट डेस्क |

हिमाचल के कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने जयराम सरकार के एक और फैसला की आलोचना की है। उन्होंने बीपीएल श्रेणी से निकाले जा रहे परिवारों का बचाव किया है। अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री के इस फैसले को तानाशाही बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और ग्रामीण विकास मंत्री प्रदेश में ग़रीबों को न्याय देने की जगह उनका हक मारने का काम कर रहे हैं।

सोमवार को जारी बयान में मुकेश ने कहा कि प्रदेश की जयराम सरकार बीपीएल के लिए केंद्र सरकार के तय नियमों को तोड़ रही है और गरीब परिवारों को सूची से बाहर कर रही है। उन्होंने कहा कि गरीब को सुविधाएं देने के स्थान पर राज्य सरकार उन्हें कानूनी अड़चनों में फंसाने का षडयंत्र रच रही है। अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में करीब दो लाख 82 हजार परिवार बीपीएल सूची में है। सरकार के इस निर्णय से करीब दो लाख परिवारों को बीपीएल सूची से हटना पड़ेगा। ग्राम सभा और शहरी कमेटियां समय-समय पर विचार कर गरीब परिवारों को जोड़ती हैं। कुछ परिवार हटते भी हैं, लेकिन पहली बार जयराम सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं कि 25 सौ रुपये का हलफनामा लेना, 20 दिन मनरेगा में काम करना और स्किल डिवल्पमेंट का कोर्स करना परिवार के लिए जरूरी है।
 
उन्होंने कहा कि ऐसे लगता है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय के मंत्री को विभाग की कार्यप्रणाली का पता नहीं चल रहा है। जिसके चलते ग्रामीण इलाकों में गरीब परिवारों पर बुल्डोजर चलाने का काम बीजेपी की सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में गरीब परिवारों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए बीपीएल चयन की प्रक्रिया शुरू की थी। ऐसे में कांग्रेस कभी भी बीपीएल परिवारों के साथ अन्याय नहीं होने देगी। मुकेश अग्निहोत्री ने चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक दल विधानसभा में बीपीएल परिवारों के प्रति सरकार के तानाशाही रवैये का विरोध करेगा। इसके लिए व्यापक रणनीति बनाई जाएगी और जरूरत पड़ी तो कांग्रेस संगठन के साथ मिलकर इस मामले को जनता के बीच उठाया जाएगा।
 
यह भी देखें- धर्मशाला स्मार्ट सिटी क्या लेट-लतीफी की भेंट चढ़ेगी?