नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने जयराम सरकार के दो वर्ष के जश्न पर पलटवार किया है। अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम सरकार की हाईकमान को रिझाने की कवायद प्रदेश के लिए बेनतीजा साबित हुई है। जयराम का जश्न प्रदेश के लिए बेरंग मुहिम से अधिक कुछ नहीं था। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री पैठ दिखाने की ही सैरामनी कर रहे हैं। प्रदेश के विकास की हर ईंट वीरभद्र सिंह के हाथों से लगी है। जयराम सरकार कागजी घोड़े दौड़ाकर प्रदेश को शिखर की ओर नहीं बल्कि सीफर की ओर ले जा रहे हैं।
मुकेश ने कहा कि केंद्र सरकार का बड़ा मंत्री या प्रधानमंत्री आए, तो निशिचित रूप से प्रदेश को एक आस रहती है कि कोई बड़ी मांग पूरी होगी, लेकिन दो वर्ष में जयराम सरकार ने करोड़ो रुपये खर्च कर दो बार नरेंद्र मोदी को बुलाया। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी आए, लेकिन प्रदेश को कुछ नहीं देकर गए। अब गृह मंत्री अमित शाह आए, प्रदेश को खाली हाथ रख गए। दोनों बड़े नेताओं की उपलब्धि यह रही कि मुख्यमंत्री ने इनसे सड़क और रेल परियोजनाओं पर झूठ जरूर बुलवाया है। उन्होंने कहा कि अमित शाह कहकर गए कि 15 हजार करोड़ की चार रेललाईनें बन रही हैं। मुख्यमंत्री बताएं कौन सी रेल लाइन बन रही है। यहां तो ऊना-हमीरपुर रेललाइन के लिए बजट के लाले पड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अमित शाह ने राष्ट्रीय राजमार्गों को लेकर के बड़ा झूठ बोला है कि 69 सड़कों की डीपीआर बनी है। एनएच की घोषणा पर कोई काम जमीन पर नहीं हो रहा है। एक इंच एनएच नहीं बना है, ये सिर्फ चुनावी जुमला था। एनएच पर तो भाजापा को प्रदेश से माफी मांगनी चाहिए। नेता विपक्ष ने कहा कि प्रदेश का कर्जा लगातार बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री कोई पैकेज देकर गए नहीं और अब अमित शाह न तो कोई आर्थिक पैकेज, न कोई उद्यौगिक पैकेज और न कोई वन टाईम पैकेज देकर गए हैं। सरकार ने रैली के लिए प्रोटोकोल तोड़ा। हजारों पुलिस कर्मचारी लगाएं और समारोह को सरकारी बनाने के लिए जीएडी से कार्ड बंटवाए गए। वहीं भीड़ जुटाने के लिए एक बार फिर से सरकारी तंत्र पर लाभार्थियों को बुलाया गया।
मुकेश ने कहा कि इंवस्टरमीट की ग्राऊंड सैरामनी महज एक दिखावा बना, क्योंकि जिन उद्योगों को लगाने का दावा किया जा रहा है, वे पहले से ही हिमाचल में कार्यरत्त है, उनके विस्तार प्रोजेक्ट हैं। ऐसे में सिर्फ अपनी पीठ थपथपाने के लिए ख्याल अच्छा है, लेकिन जनता को पुराने प्रोजेक्टों से मुर्ख नहीं बनाया जा सकता। मुकेश ने कहा कि जश्न में जयराम 2022 में शपथ लेने का दावा कर रहे हैं, लेकिन वे इस गलतफमी में न रहे। विस चुनाव में जनता प्रदेश से हो रहे अन्याय का हिसाब चुकता कर देगी।
राहुल पर टिप्पणी से खफा
नेता प्रपितक्ष मुकेश ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अपनी कोई उपलब्धि नहीं बता पा रहे और मंच से राहुल गांधी को कोस रहे हैं। इससे साफ है कि झारखंड की और महाराष्ट्र में सरकार के जाने के सदमे से भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश में सदभाव बनाने की बात कर रहे हैं और भाजपा सही बात से परेशान हो रही है।
मोनी बाबा बोलना अहंकार
मुकेश ने कहा कि गृह मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मोनी बाबा बोलकर अहंकार दिखाया है। वहीं एक वरिष्ठ नेता के प्रति अपमान जनक शब्द इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक विशेषज्ञ मनमोहन सिंह है। आज सरकार की अर्थव्यवस्था खराब हो रही है, लेकिन मनमोहन सिंह जैसे नेतृत्व ने देश के सम्मान को ऊंचा किया था।
वीरभद्र हैं विकास पुरूष
गृह मंत्री द्वारा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को लेकर की गई टिप्पणी पर मुकेश ने नराजगी जाहिर की। भाजपा ने तो पूरा तंत्र-मंत्र लगाकर पूर्व सीएम को फंसाने का प्रयास किया, लेकिन उनका बाल बांका नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास पुरूष वीरभद्र सिंह है। ऐसे में अमित शाह को वरिष्ठ नेता के सम्मान में कैसा बोलना है, इसका चिंतन करना चाहिए।