नेता विपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने रविवार को जयराम सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति किस कदर खराब है, उसका अंदाजा संपतियां बेचने की चर्चा से लगाया जा सकता है। अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम सरकार प्रदेश को आर्थिक कंगाली की ओर धकेल रही है।
मुकेश ने कहा कि गैर हिमाचली अफसर सीएम के ईदगिर्द घूम रहे है, जो हिमाचल को बेचने का एजेंडा चलाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि निवेश के नाम पर राईजिंग हिमाचल की वेबसाइट पर जिस प्रकार से हिमाचल टूरिज्म के वेशकीमती होटलों को बेचने के लिए मूल्य तय किए गए हैं, यह अपने आप में गंभीर मामला है और चाय के बगीचों में लेड सेलिंग एक्ट बदलने जैसी हरकत कभी सहन नहीं की जा सकती।
सरकार ने टूरिज्म की भूमि को भी बेचने का प्रस्ताव रखा हुआ है, जिसके माध्यम से धारा 118 मेें बडे पैमाने पर बदलाव की नियत सरकार की है। जिस पर कांग्रेस पार्टी कई बार अगाह कर चुकी है। सरकार की ऐसी मंशा पर कांग्रेस पार्टी व विधायक दल जन आंदोलन करेगा।
हिमाचल ऑन सेल के भाजपा के प्रोजेक्ट को कभी भी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल की संपतियों को अंदरखाते बेचने का खेल खेला गया है, जिसके चलते हमें आशंका है कि सरकार ने कुछ लोगों के साथ ऐसे सौदों पर बात की होगी। तभी इन संपतियों को बेचने के प्रस्ताव जैसी बात सामने आई है। मुकेश ने कहा कि हम प्रदेश हितों की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हाऊसिंग बोर्ड के माध्यम से भी प्रदेश को बेचने का प्रयास किया जा रहा है। इसके सबूत भी हमारे पास है।
अग्निहोत्री ने कहा कि टूरिज्म के बाइल्ट फ्लॉवर हाऊस को बेचने की गलती का खामियाजा प्रदेश भुगत रहा है। नेता विपक्ष ने कहा कि सीएम के सलाहकार जो गैर हिमाचली अधिकारी है, वे तेजी से अपना काम करना चाहते है। इस जल्दबाजी में प्रदेश के हितों को भी बलि पर चढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार के ऐसे प्रदेश विरोधी प्रयासों के विरूद्व कांग्रेस सीना तान पर खड़ेगी और प्रदेश को बिकने नहीं देगी।
यदि ये मामला कैबिनेट में नामंजूर हुआ है और उसके बाद भी पर्यटन विभाग की ओर से ऐसे प्रस्ताव को लाया गया है, जो यह अत्याधिक गंभीर है। जिस पर मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए। नेता विपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि प्रदेश हित के इस मसले को कांग्रेस विधायक दल तथ्यों के साथ विधानसभा में भी उठाएगा। कैसे सरकार में चायल, परवाणु, कुल्लू जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर बनी संपतियों का मूल्य 33 से 250 करोड़ तक आंका है। यह कैसा मूल्यांकन है। जिलाधीशों से भी 118 के तहत शक्तियां वापिस लेना भी गलत कदम है।