आम आदमी पार्टी (आप) की चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अलका ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले 6 साल की यात्रा में काफी सीखने को मिला। आप सभी को धन्यवाद।
अलका का पिछले साल से ही पार्टी से मनमुटाव चल रहा था। दिल्ली विधानसभा में दिसंबर 2018 में 1984 के सिख दंगों का हवाला देकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया गया था। अलका ने इसका विरोध किया था। इसके बाद वह सदन से बाहर निकल गई थीं। पार्टी ने इस प्रकरण के बाद उनसे इस्तीफा मांगा था।
‘आप अब खास हुई’
एक अन्य ट्वीट में अलका ने कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल जी आपके प्रवक्ता ने आपकी इच्छानुसार मुझे घमंड के साथ कहा था कि पार्टी मेरा इस्तीफा ट्विटर पर भी स्वीकार कर सकती है। इसलिए कृपया आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। यह अब 'खास आदमी पार्टी' हो गई है।’’
तीन दिन पहले सोनिया से मिली थीं
अलका ने 3 सितंबर को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने इससे संबंधित पोस्ट ट्विटर पर साझा किया था।
‘अगला विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ सकती हैं’
अलका के मुताबिक, उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों की राय जानने के बाद पार्टी छोड़ने का फैसला किया। करीब 20 साल कांग्रेस में रहने के बाद दिसंबर 2014 को अलका आप में शामिल हुई थीं। 2015 विधानसभा चुनाव में दिल्ली के चांदनी चौक से विधायक चुनी गईं। उन्होंने अगले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है।