कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी सदस्यों को राज्य में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति और इस महामारी के प्रसार को रोकन के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। वहीं, सभी विधायकों ने अपने एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला लिया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में राज्य में ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 53 मीट्रिक टन है जिसमें आईएनओएक्स, सोलन से राज्य का 15 मीट्रिक टन कोटा भी सम्मिलित है। प्रदेश सरकार ने केन्द्र से राज्य कोटा 30 मीट्रिक टन तक बढ़ाने का आग्रह किया है। वर्तमान में राज्य में नौ स्थानों पर ऑक्सीजन सिलेंडरों को भरने की क्षमता है और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला, क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला और श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नेरचैक में पीएसए प्लांट कार्यशील कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने हाल ही में राज्य के लिए छः नए ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए हैं जिन्हें नागरिक अस्पताल पालमपुर, क्षेत्रीय अस्पताल मण्डी, शिमला जिला के नागरिक अस्पताल रोहड़ू और खनेरी, डा. यशवंत सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन और क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रदेश के लिए पूर्व सात ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए हैं जिनके कार्यशील होने से न केवल प्रदेश बल्कि सम्पूर्ण क्षेत्र के लिए निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केन्द्र को प्रदेश के लिए 5000 डी-टाइप और 3000 बी-टाइप सिलेंडर उपलब्ध करवाने का भी आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त श्रमशक्ति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की भर्ती की जा रही है। इसके अलावा आउटसोर्स आधार पर नर्सों, पैरा-मेडिकल स्टाफ और अन्य सहायक स्टाफ तैनात किया जा रहा है। मरीजों की उचित देखभाल के लिए एमबीबीएस के चैथे एवं पांचवें वर्ष के विद्यार्थियों, कनिष्ठ एवं वरिष्ठ रेजीडेंटस, नर्सिंग छात्राओं इत्यादि की सेवाएं ली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आईटी-पीसीआर जांच के लिए निजी प्रयोगशालाओं की सेवाएं लेने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि जांच रिपोर्ट में तेजी लाई जा सके।