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मॉनसून सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, विपक्ष से की सहयोग की अपील

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र 2 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। सत्र में इस बार कुल 10 बैठकें आयोजित की जाएंगी। मॉनसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा। जिसको लेकर आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। जिसमें सदन को सुचारू रूप से चलाने पर सहमति बनाने की कोशिश की गई। 2 अगस्त से 13 अगस्त तक चलने वाले सत्र में कुल दस बैठकें होंगी। जबकि इस दौरान शनिवार और रविवार को दो दिन का अवकाश रहेगा।

पहले दिन शोकोद्गार होगा। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह और जुब्बल कोटखाई के विधायक नरेंद्र बरागटा के निधन पर शोकोद्गार प्रस्ताव लाया जाएगा। 5 और 12 अगस्त गैर सदस्यीय दिवस रखे गए हैं। कोरोना के चलते बजट सत्र में कम बैठकों को पूरा करने के लिए सत्र 10 दिन का रखा गया है। एक वर्ष में न्यूनतम 35 बैठकों का होना जरूरी होता है।

विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने बताया कि विधानसभा के मॉनसून सत्र में 10 बैठकें रखी गई है। इसमें अभी तक 618 तारांकित और 235 अतारांकित सवाल रखे गए हैं। नियम 101 के तहत 4 और 130 के तहत 7 चर्चाएं आई हैं। परमार ने बताया कि इस बार मुख्यमंत्री से मिलने वाले आगन्तुकों को प्रवेश की अनुमति होगी लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाएगा। विधानसभा में आने वाले सदस्यों सहित अन्य लोगों को भी थर्मल सकैनिंग और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। इस बार भी कोरोना के चलते 1200 की जगह 800 के लगभग अधिकारियों और कर्मचारियों को पास जारी किए जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी जिसमें विपक्ष से सहयोग की अपील की गई है।

उधर, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि पिछले सत्र में वीरभद्र सिंह सदन में मौजूद थे लेकिन इस बार उनकी कमी खलेगी। इसी तरह नरेंद्र बरागटा भी इस बार उनके बीच में नहीं हैं। इन दोनों नेताओं के अलावा दूसरे दिवंगत नेताओं को भी पहले दिन याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल ने मुख्य सचेतक और उप सचेतक बनाये हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मांग कि जो सम्मान इन्हें दिया जा रहा है वही विपक्ष को भी दिया जाए। विपक्ष के चीफ वीप को भी सर्वदलीय बैठक में बुलाया जाए। उन्होंने कहा कि महंगाई, बाढ़ जैसे अनेक बहुत बड़े मुद्दे हैं इन पर चर्चा के लिए सभी को समय दिया जाए ऐसा स्पीकर से अनुरोध किया गया है। 

गौरतलब है कि मॉनसून सत्र आमतौर पर पांच से छह दिनों तक चलता था। चूंकि राज्य विधानसभा में कोविड महामारी के चलते बजट सत्र की बैठकें पूरी नहीं हो पाई थीं। अमूमन बजट सत्र में 20 से 25 बैठकें आयोजित की जाती थी। लेकिन इस मर्तबा 16 बैठकें ही हो पाई हैं। न्यूनतम 35 बैठकों में से 26 बैठके मानसून सत्र में पूरी हो जाएंगी। बची 9 बैठकें तो उनको धर्मशाला में होने वाले शीतकालीन सत्र में पूरा करने की उम्मीद है।