भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कोलकाता में मंगलवार को अपने रोड शो के दौरान हुई हिंसा का जिम्मेदार तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को ठहराया है। शाह ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता सरकार पर रोड शो में अवरोध पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अभी तक चुनाव के 6 चरण समाप्त हो चुके हैं लेकिन इन सभी चरणों में बंगाल को छोड़कर कहीं हिंसा नहीं हुई। शाह ने कहा कि तृणमूल सिर्फ 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि बीजेपी देश के सभी राज्यों में चुनाव लड़ रही है, फिर भी सिर्फ बंगाल में हिंसा हो रही है। शाह ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि मंगलवार को उनकी सुरक्षा के लिए CRPF नहीं होती तो उनका बचना मुश्किल था।
‘CRPF ना होती तो मेरा बचना मुश्किल था’
ममता पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा, ‘दीदी ने 2 दिन पहले ही बदला लेने की धमकी दी थी, वह यदि सोचती हैं कि हिंसा का कीचड़ फैलाकर जीत जाएंगी, तो वह उम्र में भले ही मुझसे बड़ी हों, लेकिन अनुभव मुझे ज्यादा है। हिंसा का कीचड़ जितना फैलाएंगी, कमल खिलेगा। अभी मुझे जानकारी मिली है कि मुझ पर FIR हुई है। दीदी मैं आपकी FIR से डरता नहीं हूं, मुझ पर तो FIR हुई है, कई कार्यकर्ताओं की तो हत्या कर दी गई है। कल अगर CRPF नहीं होती तो मेरे लिए वहां से बचकर निकलना मुश्किल था। मेरे बहुत कार्यकर्ता मारे गए हैं, मुझ पर हमला स्वभाविक है। TMC किसी भी हद तक जा सकती है, CRPF ना होती तो मेरा बचना मुश्किल था। मैं सौभाग्य से बचकर निकला हूं।’
‘रोड शो के दौरान 3 बार हमले किए गए’
शाह ने कहा, ‘कल रोड शो से 3 घंटे पहले हमारे बैनर पोस्टर हटा दिए गए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर फाड़े गए और पश्चिम बंगाल की पुलिस मूक दर्शक बनी रही। रोड शो में भारी संख्या में लोग आए थे और कहीं एक इंच जगह नहीं थी। रोड शो के दौरन 3 बार हमले किए गए, पत्थर, केरोसिन बम फेंके गए, आगजनी हुई।’ शाह ने खुद पर हमले और ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़े जाने को लेकर तस्वीरें दिखाकर तृणमूल कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। शाह ने कहा, ‘परिसर का गेट टूटा नहीं, बीजेपी कार्यकर्ता बाहर थे, अंदर टीएमसी कार्यकर्ता थे तो मूर्ति किसने तोड़ी? यह मूर्ति कमरे के अंदर थी, कॉलेज बंद हो चुका था।’
‘कॉलेज बंद हो चुका था तो अंदर रखी मूर्ति किसने तोड़ी?’
शाह ने कहा, ‘कॉलेज बंद हो चुका था, सब लॉक हो चुका था, फिर किसने कमरे खोले? ताला भी नहीं टूटा है, फिर चाबी किसके पास थी? कॉलेज में टीएमसी का कब्जा है। वोटबैंक की राजनीति के लिए महान शिक्षाशास्त्री की प्रतिमा का तोड़ने का मतलब है कि टीएमसी की उल्टी गिनती शुरू हो गई। 6 चरण के चुनाव हो चुके हैं, टीएमसी हार रही है, पंचायत चुनाव में भी 7 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या हुई। हार सामने दिख रही है, इसलिए टीएमसी ऐसा कर रही है।’ शाह ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह मूक पर्यवेक्षक बना हुआ है। उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग तुरंत हस्तक्षेप करे, बंगाल में हिस्ट्री शीटरों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? इसी प्रकार चुनाव कराना है तो बंगाल में तो चुनाव आयोग पर सवाल उठेंगे।’