धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं मौजूदा मंडी के विधायक अनिल शर्मा ने विधानसभा मे मंडी विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रश्न लगाए थे. उनका अरोप था कि स्कूलों में नई इमारतें बनाई जानी हैं जिसका वजट 4 करोड़ है, लेकिन सरकार की ओर से मात्र दो लाख का बजट ही उपलब्ध करवाया जा रहा है.
अब विधानसभा में आए जवाब से वे असन्तुष्ट दिखे और सदन से बाहर आ गए. उन्होंने अरोप लगाया कि मैं भाजपा सरकार का एक मात्र विधायक हूं जिसका पटिकाओं में नाम तक नहीं दिया जाता. जबकि मुझे बार बार मंचों पर भी जनता के सामने जलील किया गया. उसके बाद भी मैने मंडी के विकास के लिए सरकार के साथ काम किया है.
उन्होंने कहा कि सरकार मंडी के लिए एक भी विकासात्मक योजना नहीं बता पाई. जबकि मंत्री महेन्द्र सिंह ने जल शक्ति विभाग की ओर से करोड़ों रुपये के विकासात्मक कार्य हर विधानसभा में बताए, लेकिन मंडी का उन्होंने नाम तक नहीं लिया. अनिल शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री एक काम मंडी के लिए ऐसा कर दें जिसके चलते मैं 2022 मे मुख्यमंत्री का नाम लेकर जनता के बीच वोट मांग सकूं. वहीं अनिल शर्मा से जब 2022 में किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह जनता तय करेगी कि मैं किस पार्टी से चुनाव लड़ूंगा.
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