लोकसभा चुनाव के छठे चरण के लिए आज मतदान हो रहा है। पश्चिम बंगाल की भी 8 सीटों पर आज वोटिंग है, लेकिन मतदान शुरू होने से पहले ही हैरान करने वाली खबरें आ रही हैं। बंगाल के झारग्राम में भारतीय जनता पार्टी के बूथ कार्यकर्ता मिला है, मृत व्यक्ति का नाम रामेन सिंह बताया जा रहा है। BJP के कार्यकर्ता के अलावा एक टीएमसी कार्यकर्ता का भी शव बरामद हुआ है। तो वहीं दो टीएमसी कार्यकर्ताओं को गोली मार दी गई है।
बंगाल में वोटिंग होने के साथ-साथ हिंसा का दौर भी लगातार चरम पर है। मिदनापुर में भी दो टीएमसी कार्यकर्ताओं को गोली मार दी गई है। दोनों कार्यकर्ताओं को तमलुक के अस्पताल में भर्ती किया गया है। तो वहीं बेल्दा के टीएमसी कार्यालय पर भी हमला किया गया है। टीएमसी का आरोप है कि ये हमला बीजेपी ने करवाया है।
भारती घोष ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लगाया आरोप
बंगाल की बहुचर्चित पूर्व IPS ऑफिसर और घाटल सीट से बीजेपी प्रत्याशी भारती घोष ने आरोप लगाया है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदतमीजी की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि केशपुर में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की। TMC कार्यकर्ताओं ने भारती घोष की गाड़ी पर भी हमला कर दिया।
झारग्राम में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या
आपको बता दें कि आज झारग्राम में भी वोट डाले जाने हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि रामेन सिंह की हत्या की गई है, उन्होंने टीएमसी के कार्यकर्ताओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, स्थानीय पुलिस ने इससे इनकार किया है। शुरुआती जांच के आधार पर पुलिस का कहना है कि रामेन सिंह पहले से ही बीमार था और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
झारग्राम जिले के चुनसोले गांव में गांववालों ने देर रात को बीजेपी कार्यकर्ता का शव बरामद किया था। बीजेपी का आरोप है कि उनके कार्यकर्ता की हत्या पीट-पीट कर की गई है।
TMC कार्यकर्ता की भी हत्या
झारग्राम में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या की गई है, तो वहीं मरधारा के कांठी में टीएमसी कार्यकर्ता को मारा गया है। टीएमसी के सुधाकर मैती रविवार रात से ही गायब थे, लेकिन बाद में उनका शव मिला। बताया जा रहा है कि देर रात को वह किसी रिश्तेदार से मिलने जा रहे थे लेकिन वापस ही नहीं लौटे। हालांकि, ये हत्या कब, कैसे और किसने की है इसकी पूछताछ अभी भी जारी है।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के अभी तक हर चरण में बंगाल से हिंसा की खबरें आई हैं। फिर चाहे वह कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई हो या फिर पोलिंग बूथ पर ही देसी बम से हमला किया जाना हो। बंगाल में पांचों चरण के दौरान हिंसा लगातार बढ़ती गई है, लेकिन हर बार वोटिंग का प्रतिशत भी ज्यादा ही रहा है।