प्रदेश बीजेपी की कोर ग्रुप की 2 दिन की बैठक संपन्न हो गई है। लेकिन उम्मीदवारों को लेकर किसी भी विवाद से बचते हुए कमेटी ने सीधे तौर पर पुराने नामों पर ही सहमति जताते हुए अंतिम मोहर लगाने के लिए हाइकमान के पास भेज दिया है। जिस तरह से 2014 के चुनाव में प्रदेश में धूमल फैक्टर महत्वपूर्ण थे उस समय भी येहि चार चेहरे थे और ये कह सकते हैं की जयराम ठाकुर ने बिना किसी जोखिम लिए सांसद शांता कुमार को छोड़कर बाकी सभी चेहरे धूमल की पसंद के देकर उन्होंने अपने ऊपर रिस्क फैक्टर बहुत कम कर दिया है।
इससे ये भी सपष्ट होता है की जयराम किसी भी तरहं को जोखिम नहीं ले रहें हैं और जयराम हर कदम फूंक फूंक कर रख रहे हैं। हालंकि उन्हें सांसद राम सवरूप के नाम की घोषणा के बाद पार्टी के भीतर राजनीतिक परिवारों का बहुत दवाब भी झेलना पड़ा था। लेकिन जयराम एक बार फिर मोदी नाम के साथ धूमल फैक्टर को नहीं छोड़ना चाहते हैं और यहि कारण है की वो पुराने नामों पर ही सहमति जताते नज़र आए।
हालांकि माना जा रहा था की जयराम प्रदेश में सांसद अनुराग ठाकुर जैसे किसी काबिल और युवा चेहरे को मंडी, शिमला या कांगड़ा से उतार सकते थे। लेकिन ऐसा नहीं करके उन्होंने एक तरह से धूमल ने नामों को ना सिर्फ समर्थन दिया बल्कि साथ ही धूमल को भी अपने साथ स्टार प्रचारक बनाने का निर्णय हाई कमान को भेज दिया है। हालांकि शांता कुमार ने जरूर कांगड़ा से किसी नए चहरे को आगे लाने की बात कही थी लेकिन चुनाव समिति इस पर राजी नहीं हुई है और शांता पर ही दाव खेलने की बात कही है।
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सत्ती ने कहा है की 4 पुराने ही नाम कमेटी हाइकमान को भेज रही है और नए नाम मांगे जाएंगे तो भेज देंगे लेकिन सहमति इन्ही पर बनी है। वहीं हिमाचल में बीजेपी की तरफ से महिलाओं का पक्ष रखने के लिए कोई भी नहीं था और यहि कारण रहा की महिलाओं को टिकट देने को लेकर कोई विशेष चर्चा नहीं हुई है। बताएं चलें की इस कमेटी में कोई भी महिला नहीं है और मंत्री सरवीण चौधरी को एक बार इस कमेटी में डालने का विचार जरूर हुआ था लेकिन उन्हें भी शामिल नहीं किया गया।