हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के दो जजों की पीठ ने भारतीय जनता पार्टी के नामित कॉन्सलर संजीव सूद को शिमला नगरपालिका की बैठकों में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया है।
2, नवंबर, 2020 को शहरी विकास विभाग के निर्देशक ने संजीव सूद को शिमला के भराड़ी इलाके में अतिक्रमण करने तथा नामांकन के समय गलत जानकारी देने के आरोप के चलते नगरपालिका से अयोग्य घोषित किया था।
कार्यवाहक मुख्या न्यायधीश रवि मलिमथ और जयोत्सेना रेवाल की अध्यक्षता वाली पीठ ने शिमला नगरपालिका से सूद के पिछला रेकॉर्ड भी तलब करवाया है। पीठ ने यह फैसला याचिकाकर्ता राकेश कुमार की सुनवाई के दौरान दिया।
याचिकाकर्ता के वकील संजीव भूषण ने जानकारी दी की आयोगय ठहराए जाने के बाद जिन बैठकों में सूद ने हिस्सा लिया है, उनकी पीठ ने नगरपालिका से विस्तारित जानकारी मांगी है। पीठ ने सूद द्वारा दिए गए सुझाबों पर लिए नगरपालिका के फैसलों की भी जानकारी तलब करवाई है, भूषण ने बताया।
पीठ अब चार सप्ताह के अंतराल के बाद इस मामले में सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता ने दावा किया है की सूद ने 5.25 स्केयर मीटर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर भवन निर्माण किया है।