हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गिरी पार के हाटी समुदाय को एसटी में शामिल न करने पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस समुदाय के लोगों की भावनाओं से खेल रही है। सत्ता पाने के लिए तो बीजेपी ने गिरी पार क्षेत्र के लोगों को एसटी में शामिल करने का सपना दिखा दिया, लेकिन अब कोई कार्रवाई नहीं हो रही। सुक्खू ने यह बात पच्छाद विधानसभा क्षेत्र के बागथन पंचायत में कांग्रेस प्रत्याशी गंगू राम मुसाफिर के चुनाव प्रचार के दौरान कही।
सुक्खू ने कहा कि केंद्र व प्रदेश में बीजेपी सरकारें होने के बावजूद गिरी पार के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस सत्ता में आने पर हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देगी। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर से पूछा है कि केंद्रीय मंत्री की घोषणा के बावजूद एसटी के दर्जे वाली फाइल कहां गुम हो गई। सुक्खू ने बीजेपी सरकार पर प्रदेश के हितों को बेचने का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा कि सिरमौर हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार की कर्मभूमि रही है। परमार ने ही हिमाचल को अलग राज्य बनाने की लड़ाई लड़ी। हिमाचल के हितों को न बेचा जा सके, इसलिए हिमाचल प्रदेश लैंड टेंनेंसी एक्ट 1974 बनाया। इसकी धारा-118 के तहत गैर हिमाचली प्रदेश में जमीन नहीं खरीद करते हैं। लेकिन, भाजपा सरकार ने सत्ता में आने पर प्रदेश के हितों को बेचना शुरू किया है। धारा-118 में छूट देकर बाहरी उद्यमियों को जमीनें दी जा रही हैं। बिजली कंपनियों के हाथों में प्रदेश को बेच दिया गया है।
सुक्खू ने आरोप लगाया कि 31 जुलाई तक एक भी एमओयू नहीं हुआ था और अब सरकार 70 हजार करोड़ रुपये के एमओयू होने का झूठा ढिंढोरा पीट रही है। सुक्खू ने प्रदेश सरकार से बीजेपी सरकार के कार्यकाल में हुए निवेश व प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र लाने की मांग की है।