उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक का दौर जारी है. बीजेपी एमएलए मुकेश वर्मा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि भाजपा की प्रदेश सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं को तवज्जों नहीं दी और न उन्हें कोई सम्मान दिया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षा की गई है. इस वजह से मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं. स्वामी प्रसाद मौर्य शोषित-पीड़ितों की आवाज हैं वह हमारे नेता हैं. मैं उनके साथ हूं. मैंने बीजेपी छोड़ दी है, क्योंकि यहां सुनवाई नहीं हो रही थी. मुझे आज भी बीजेपी बुला रही है, पर अब नहीं जाऊंगा.
हाल ही में दिग्गज ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी भाजपा से अलग हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि, ’14 जनवरी को सब चीजों का खुलासा हो जाएगा.’ भाजपा पिछड़े वर्गों की समस्याओं को लेकर बहरी है. यूपी विधानसभा चुनाव शुरू होने में 30 दिन से भी कम का समय बचा है. ऐसे में मौर्य का जाना बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.