कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा के बयान पर भाजपा ने आपत्ति जताई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि अल्का लांबा ने जिस प्रकार से अमित शाह, अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर टिप्पणी की है वह निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि अलका लांबा अपनी ही काल्पनिक दुनिया में रहती हैं। समाज में किस प्रकार के कार्य चल रहें हैं उसके बारे में वे ज्ञान नहीं रखतीं। चारदीवारी में बैठकर पूरे हिमाचल प्रदेश के बारे में टिप्पणी करना सही नहीं। अपने बयान को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और हिमाचल की जनता से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
कश्यप ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश में जयराम सरकार युवाओं के लिए बढ़ चढ़कर काम कर रही है जिससे युवाओं को नौकरी के अवसर भी मिल रहे हैं और युवा शक्ति को स्वरोजगार के भी अनेकों अवसर प्राप्त हो रहे हैं। आज हिमाचल के युवा रोजगार लेने वाला नहीं पर रोजगार देने वाला बन रहा है। आज हिमाचल पूरे देश में एक उदाहरण बन रहा है। जयराम ठाकुर के नेतृत्व में हिमाचल हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका में है। कांग्रेस को हिमाचल में विकास होता दिखाई नहीं दे रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश ने नशे को रोकने के लिए कई नीतियां बनाई है जिससे नशे पर लगाम लगी है। आज से पहले नशे के सौदागरों को संरक्षण प्राप्त होता था पर आज इन लोगों पर सीधी कार्यवाही हो रही है। जयराम सरकार हिमाचल में नशे पर अंकुश लगाने के लिए बहु आयामी रणनीति अपनाकर राज्य को ‘ड्रग फ्री स्टेट’ बनाने लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहल करते हुए हिमाचल के सभी पड़ोसी राज्यों को नशे के खिलाफ एकजुट किया था। इसके लिए साल 2019 में चंडीगढ़ में हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों और जम्मू कश्मीर, केंद्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़ और दिल्ली के उच्चाधिकारियों के साथ इस मसले पर गहन चर्चा की थी।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जयराम सरकार पहली सरकार है जिसने उत्तर भारत के चार राज्यों के साथ मिलकर संयुक्त रणनीति बनाई। नशे की इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का भी गठन किया। जयराम सरकार में पुलिस ना केवल नशा तस्करों को दबोच रही है, बल्कि नशा बेचकर संपत्ति अर्जित करने वालों की संपत्ति भी सीज की जा रही है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले एक वर्ष में 19 विभिन्न मामलों में 11.37 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच और फ्रीज़ की गई, जिसमें जिला कुल्लू में 15 मामलों में 3.79 करोड़ रुपये की सम्पत्ति और जिला कांगड़ा के दो मामलों में 7.29 करोड़ रुपये की सम्पत्ति अटैच और जिला बिलासपुर के एक मामले में 18.31 लाख रुपये, जिला शिमला के एक मामले में 10.67 लाख रुपये के बैंक डिपोटिज फ्रीज़ किए गए हैं।