जहां हर नेता सरकार बनाने में व्यस्त हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष इंदु गोस्वामी का प्रचार से गायब हो जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। पिछले करीब 10 दिनों से महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष इंदु गोस्वामी किसी भी तरह के चुनाव प्रचार में नजर नहीं आ रही है। यहां तक कि बड़े नेताओं की जो रैलियां कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र में अब तक हुई हैं उनमें भी वो कहीं नजर नहीं आईं। हिमाचल प्रदेश बीजेपी में सब कुछ ठीक है ऐसा नहीं कहा जा सकता और लोकसभा चुनाव के बाद और विशेष रूप से नतीजों के बाद बड़े बदलाव भाजपा के बीच में देखने को मिल सकते हैं।
वैसे तो देखा जाए तो भाजपा में किसी भी तरह की गुटबाजी किसी भी लेवल पर हो ऐसा बाहरी तौर पर नजर नहीं आता लेकिन कुछ नेताओं का लगातार चुनाव प्रचार से गायब हो जाना कहीं ना कहीं अंदर ही अंदर इस गुटबाजी को हवा देता जरूर नजर आता है और यह भी स्पष्ट होता है कि चुनाव प्रचार में भी अपने अपने वजूद की लड़ाई के चलते कुछ नेता या तो अपने विधानसभा क्षेत्र से ही निकल गए हैं या फिर वह 50 से ही गायब हैं। जैसे झंडूता विधानसभा से ऋषि राम कौंडल अपना विधानसभा क्षेत्र छोड़कर सुजानपुर में आकर प्रचार कर रहे हैं और इंदु गोस्वामी अपना प्रचार किसी भी तरह से नहीं कर रहे हैं।
इस तरह से उनकी अनुपस्थिति बड़ी चर्चा का विषय पार्टी के भीतर बनी हुई है। विशेष रूप से ग्राम कांगड़ा लोक सभा क्षेत्र की बात करें तो बताते चलेगी इंदु गोस्वामी का कांगड़ा के वरिष्ठ नेताओं के साथ 36 का आंकड़ा इसलिए चल रहा है क्योंकि वह चाहती है कि उनके लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्र में किसी भी तरह का हस्तक्षेप दूसरे नेता ना करें। लेकिन, ऐसा नहीं होने के चलते और शांता कुमार के बाद अब परिवार के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने किसी भी तरह के बड़े कार्यक्रमों से कन्नी काटना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनावों पर इसका क्या असर पड़ेगा नतीजे ही बताएंगे।