<p>दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही हिमाचल से नेताओं का पूरा काफिला दिल्ली कूच कर गया । बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टीयों के नेता ने दिल्ली चुनाव में बढ़ चढ कर हिस्सा लिया । लेकिन चुनावी नतीजों को देखने के बाद ये साफ हो गया कि इन दोनों ही पार्टीयों के नेताओं की मेहनत फेल हो गयी । एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी खाता भी नहीं खोल पायी । वहीं, दूसरी तरफ भाजपा भी 10 का आंकड़ा छूने में नाकाम रही ।</p>
<p>कांग्रेस पार्टी की बात करें तो इनकी भारी-भरकम टीम दिल्ली में डटी हुई थी । जिनमें विधायक सुंदर ठाकुर, इंद्र दत्त लखन पाल, लखविंदर राणा, सतपाल रायजादा, पूर्व विधायक कुलदीप पठानिया संजय दत्त अनिता वर्मा सोहनलाल राकेश कालिया पवन काजल धनीराम शांडिल जैसे बड़े चेहरे रामलाल ठाकुर की अगुवाई में दिल्ली में चुनाव प्रचार में डटे रहे । यहां पर हम आपको एक आंकड़ा बताते हैं कि किस तरह की परफॉर्मेंस कांग्रेस के नेताओं की अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में रही । सबसे हॉट सीट नई दिल्ली, जहां से अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे थे । वहां विधायक सुंदर ठाकुर और कांग्रेसी नेता राहुल ठाकुर चुनाव प्रचार में थे । इस सीट में कांग्रेस को 2 676 वोट ही मिले ।</p>
<p>इसी तरह आदर्श नगर से पूर्व महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा अनीता वर्मा थी । जहां पर कांग्रेस को 9556 वोट मिले । सोहनलाल चांदनी चौक से थे, जहां पर कांग्रेस को 2734 वोट मिले । कुलदीप पठानिया और सुनील बिट्टू वजीरपुर में थे, जहां पर 2797 वोट पड़े । चंद्र कुमार और केवल सिंह पठानिया गांधीनगर से, यहां पर 20961 वोट कांग्रेस को मिले । संजय रतन और प्रेम कौशल मंगोलपुरी से जहां पर करीब 4000 वोट पड़े । सतपाल रायजादा और चंद्रशेखर धर्मपुर में थे, जहां पर 3382 वोट पड़े । विधायक हर्षवर्धन जो प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में भी रहे थे । इनके प्रभाव में इलाके में कांग्रेस को 9017 वोट कांग्रेस को पड़े । विधायक अनिरुद्ध तिलक नगर में थे, जहां पर 1352 कांग्रेस को मिले । आशीष बुटेल तिमारपुर थे जहां पर 2384 वोट पड़े । सुरेश कुमार और धनीराम शांडिल अंबेडकर नगर में थे , जहां 2136 वोट कांग्रेस को मिले । विधायक राकेश कालिया ग्रेटर कैलाश, यहां 3340 वोट । इंद्र दत्त लखन पाल विकासपुरी से 5387 वोट, लखविंदर राणा करोल बाग में थे , जहां 2772 वोट और पवन काजल राजौरी गार्डन से 2207 वोट कांग्रेस पार्टी को मिले । हिमाचल कांग्रेस के नेता 25 विधानसभा क्षेत्रों का कार्यभार देख रहे थे।</p>
<p>वहीं, बीजेपी की बात करें तो हिमाचल बीजेपी से भी सीएम समेत कई छोटे बड़े नेता दिल्ली में डटे हुए थे । लेकिन परिणाम देखने के बाद कहा जा सकता है कि इनकी भी मेहनत बेकार गयी । हालांकि, सीएम जयराम ठाकुर ने परिणाम को अपने हिसाब से जरुर परिभाषित करने की कोशिश की । जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ा है । ये बयान कार्यकर्ताओं को उत्साह देने के लिये हो सकता है । लेकिन परिणाम को देखकर कहने में ये बिल्कुल संकोच नहीं होना चाहिये कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता ने बीजेपी और कांग्रेस को एक बार फिर नकार दिया है ।</p>
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