<p>हंगामे के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुरक्षा कर्मियों सहित मंत्रियों के साथ बैठक आयोजित की और दोबारा से सदन बुलाया। हिमाचल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सदन के स्थागित होने के बाद सदन बुलाया गया हो। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए बताया कि स्थगित होने के बाद 346 नियम के तहत दोबारा से सदन बुलाया गया है। विपक्ष की तरफ से कोई भी सदन में नहीं पहुंचा।</p>
<p>इस घटना के विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार सहित संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज और मुख्यमंत्री ने आज के दिन को शर्मनाक करार दिया और इसकी निंदा की मांग उठी की ऐसे हंगामा करने वाले सदस्यों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जाए। विपक्ष ने राज्यपाल पर हमला किया है। नियम 319 के तहत विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, हर्षबर्धन चौहान, सतपाल रायज़दा सुंदर सिंह और विनय सिंह को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया।</p>
<p>बता दें कि आज से हिमाचल विधानसभा बजट सत्र शुरू हुआ। 11 बजे सदन की कार्रवाई राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू हुई। नाराज विपक्ष ने महंगाई और किसान आंदोल का हवाला देकर राज्यपाल के अभिभाषण को कचरा बताया और बीज में नारेबाजी शुरू कर दी। जिसके चलते राज्यपाल ने 15 मिनट में ही अपना अभिभाषण खत्म कर दिया। उसके बाद विपक्ष मुख्य गेट में जाने के बजाए विधानसभा अध्यक्ष के गेट में नारेबाज़ी करने चला गया जहां से राज्यपाल को जाना था। गेट पर विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण की प्रतियां लहराते हुए राज्यपाल के रास्ते खड़े में हो गए। सुरक्षा कर्मियों की जगह विधानसभा के उपाध्यक्ष व अन्य मंत्री रास्ता खुलवाने के लिए विपक्ष के सदस्यों से गुथमगुथा हो गए।</p>
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