Follow Us:

बजट सत्र: विपक्ष के विरोध के बावजूद सदन में बजट प्रबंध संसोधन विधेयक 2021 पारित

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश कर्ज़ की वैशाखियों के सहारे चलेगा। कर्ज चुकाने के लिए कर्ज लिया जाएगा। सरकार ने कर्ज की सीमा को बढ़ाने के लिए विधानसभा में बिल भी लाया है। जिसे विपक्ष के कड़े विरोध के बावजूद पारित कर दिया गया। अब कर्ज की सीमा को 3 से बढ़ाकर 5 फ़ीसदी कर दी गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की गैर मौजूदगी में संसदीय मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध ( संसोधन) विधेयक 2021 को सदन में रखा। 

जिस पर चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री , ठियोग के विधायक राकेश सिंघा, जगत नेगी, हर्षवर्धन चौहान आशा कुमारी ने सवाल खड़ा किए और इस विधेयक को पास होने से पहले वापस लेने की मांग उठाई। विपक्ष ने यहां तक कहा कि आज का दिन हिमाचल के इतिहास में काला दिन के रूप में जाना जाएगा।

विपक्ष के मुताबिक़ सरकार कर्ज की वैशाखियों के सहारे चलेगी। अपनी सुख सुविधाओं के लिए सरकार कर्ज न ले। क्योंकि सरकार इस बिल को पास करवाकर कर्ज की सीमा को बढ़ाने का रास्ता साफ कर रही है। डबल इंजन की सरकार फेल हो चुकी है। केन्द्र से हिमाचल को मदद नहीं मिल रही है। नतीज़तन सरकार को कर्ज़ की सीमा बढ़ानी पड़ रही है।

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि ये कांग्रेस सरकार का किया धरा है। जब कर्ज़ की सीमा बढ़ती है तो सदन में बिल लाना पड़ता है। कांग्रेस के समय भी सीमा से ज़्यादा कर्ज लिया गया। उसको भी संसोधन में लाया है। कांग्रेस की गलती को ठीक किया है। कांग्रेस के समय 19 हज़ार करोड़ का कर्ज़ लिया था जिसे भाजपा सरकार ने वापस लौटाया। इस बीच दोनों तरफ़ से बहस भी हुई। 

जब तक ये बिल पास नहीं होता तब तक बजट पास नहीं होता। इसलिए इस बिल को पारित किया गया है। पहले ही हिमाचल प्रदेश के ऊपर 60500 करोड़ का कर्ज है। जो 2022 तक 85 हज़ार करोड़ तक पहुंच जाएगा। विपक्ष की तरफ से मांग उठाई गई कि बिल को सलेक्ट कमेटी को भेज दिया जाए। लेकिन सरकार ने विपक्ष के विरोध के बावजूद बिल पास कर दिया। विरोधस्वरूप विपक्ष ने नारेबाज़ी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।