कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एंव विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जयराम सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर चुटकी ली है। सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बीजेपी के भीतर सुलगी विरोध की चिंगारी को शांत करने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार किया है। बावजूद इसके पार्टी के भीतर विद्रोह की स्थिति बनी हुई है। कांगड़ा जिले के नेताओं का असंतोष किसी से छुपा नहीं है।
सरकार ने कोरोना संकट में मंत्रिमंडल विस्तार कर राजकोष पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने का काम किया है। तीन नए मंत्री बनने से लाखों रुपए का खर्च बढ़ेगा। एक तरफ तो सरकार ने कोरोना में आर्थिक संकट के नाम पर विधायकों की विधानसभा क्षेत्र विकास निधि बंद कर दी, वेतन में तीस फीसदी कटौती की और दूसरी तरफ नए मंत्री बनाकर अतिरिक्त खर्च बढ़ा दिया। इससे सीधा-सीधा जनता पर बोझ पड़ेगा। सरकार जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है।
सुक्खू ने सरकार को आइना दिखाते हुए कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार कर सरकार ने कोरोना योद्धाओं के साथ न्याय नहीं किया। मंत्रियों पर खर्च होने वाली राशि सरकार को कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टर, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ, अन्य कर्मचारियों और आशा वर्कर्स को प्रोत्साहन राशि के तौर पर देनी चाहिए थी। जिस तरफ सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी का ध्यान प्रदेश की जनता के बजाए सरकार बचाने पर लगा हुआ है। क्योंकि, विरोध की चिंगारी, ज्वाला बनकर सरकार को अस्थिर न कर दे, इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार किया गया। उन्होंने कहा कि अच्छा होता सरकार कोरोना योद्धाओं को प्रोत्साहित करती और महामारी रोकने के लिए और संजीदगी से कदम उठानी। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया। सरकार की गलतियों के कारण ही प्रदेश में कोरोना की स्थिति विस्फोटक हुई है।