<p>मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के गठबंधन पर जमकर निशाना साधा है । जयराम ठाकुर ने कहा कि हजार गीदड़ इकट्ठे होकर शेर को घेर तो सकते हैं मगर हरा नहीं सकते। उन्होंने कहा कि विपक्ष का बेमेल गठबंधन दरअसल गीदड़ों का जमाबड़ा है जिसके पास देशवासियों की भलाई का कोई विजन नहीं है। उसका इकलौता एजेंडा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सत्ता से हटाना है। जबकि मोदी के पांच साल के कार्यकाल ने जनता का दिल जीत लिया है। लोगों को विश्वास हो गया है कि विपक्षी जमावड़ा सत्ता के पास पहंुचने तक का आंकड़ा किसी भी हालत में नहीं जुटा सकता।</p>
<p>जयराम ठाकुर ने कहा कि आपस में रोज़ झगड़ने वाले विपक्षी नेता 23 मई तक खुद को भावी प्रधानमंत्री मान सकते हैं। कई ने तो नए सूट भी सिलवा लिए हैं। लेकिन 23 मई को ईवीएम से नतीजों का पिटारा खुलने के बाद उन्हें ख्वाब और हकीकत में फर्क पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद देश को मोदी के रूप में सबसे मजबूत प्रधानमंत्री मिला। मोदी ने देश के भीतर आतंकवादियों और माओवादियों के सफाए में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जिहादी आतंकवादियों की कमर तोड़ दी। सीमा पार से पाकिस्तान घुसपैठ और गोला-बारी का जिस तरह से जवाब मोदी सरकार ने दिया, वैसा कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार ने कभी नहीं दिया था। पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के अड्ड़ों को तबाह करने का साहस भी सिर्फ मोदी सरकार ही दिखा सकती थी।</p>
<p>उनका कहना है कि मोदी के दिल में समाज के सबसे कमजोर वर्ग के प्रति जिम्मेदारी का भाव है। इसीलिए उन्होंने गरीबों के विकास की अनेक नई योजनाएं चलाई और उनकी निगरानी के लिए खास टीमें तैनात की। भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी के अभियान की दुनियाभर में प्रशंसा हुई और उसके नतीजे भी सामने आने लगे हैं। विपक्ष को तकलीफ यह है कि नोटबंदी ने उसका हजारों करोड़ का काला धन नाली में बहा दिया। फर्जी कंपनियों के सहारे समान्तर अर्थव्यवस्था चला रहे भ्रष्टाचारी भी पकड़ में आ गए क्योंकि उनकी कंपनियों पर ताला पड़ गया। ऐसे में विपक्ष के पास मोदी को गालियां देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।</p>
<p>सीएम ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जो वादें किए हैं वे 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनावों से लगातार हर बार दोहराए जा रहे हैं। यदि कांग्रेस इतने सालों में अपने चुनावी वादे पूरे नहीं कर पाई तो यह उसके लिए शर्मिंदगी की बात है। “गरीबी हटाओ“ का नारा देकर कई चुनाव जीत लिए। लेकिन गरीबी नहीं हटी। मोदी सरकार ने सिर्फ पांच साल में लाखों लोगों को गरीबी-रेखा से ऊपर उठा दिया। हैरानी की बात यह है कि अब राहुल गांधी अपनी दादी के “गरीबी हटाओं“ नारे को नया नाम देकर फिर वही पुरानी बातें दोहरा रहे हैं।<br />
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उनका कहना है कि कांग्रेस और छोटी-छोटी पार्टियां अपने नेताओं को प्रधानमंत्री बनाने के लिए चुनाव लड़ रही हैं। इन कमजोर दलों के पास देश को लेकर कोई विजन नहीं है। ये एकजुट होकर किसी एक व्यक्ति को अपना नेता नहीं मान सकते। जबकि भाजपा देश के कमजोर वर्ग की हालत में बदलाव लाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए मोदी जैसे मजबूत नेता को फिर से प्रधानमंत्री बनाना चाहती है। जनता को मजबूत सरकार चाहिए क्योंकि वह कांग्रेस की मजबूर सरकार को दुबारा नहीं लाना चाहती।</p>
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