सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मुंह से “अब होगा न्याय“ का नारा सुनकर ऐसा लगता है जैसे सौ चूहे खाकर बिल्ली हज़ को चली हो। कांग्रेस को 70 साल तक जनता से अन्याय करने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। भ्रष्टाचार में डूबी नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक की कांग्रेस सरकारों ने देश की आम जनता की कमर इस तरह तोड़ कर रख दी थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जनता को न्याय देने के लिए अभियान चलाना पड़ा। उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास खो चुकी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सिर्फ ख्वाब में प्रधानमंत्री बनने का मज़ा ले सकते हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि न्याय दिलाने का नारा देकर कांग्रेस आम चुनावों में जनता की आंखों में धूल झोंक रही है। कांग्रेस 1947 से देश पर निरंकुश शासन करती रही जिसमें आम जनता को जाति, भाषा और मज़हब में बांट कर वोट हासिल किए जाते थे। कांग्रेस शासन का आधार ही जनता के साथ अन्याय पर टिका था। 1971 में देश की जनता को झांसा देते हुए इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया। इंदिरा गांधी ने देश की भोली-भाली जनता से झूठे वायदे कर 1984 तक “गरीबी हटाओ“ का नारा देकर चुनाव जीते। लेकिन देश के गरीब की गरीबी दूर नहीं हुई। नकली गांधी परिवार और उसके चमचे भ्रष्टाचारी शासन में अमीर होते गए और जनता रोटी, सड़क, बिजली, पानी, रोजगार और उपज के लाभकारी मूल्य तक से वंचित रही। देश में उद्योग-धंधों का विकास नहीं हुआ और गरीब ज्यादा गरीब होते चले गए और चंद पूंजीपति हर साल अमीर होते चले गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने न्याय दिलाने की अपनी योजनाओं से समाज के किसी भी वर्ग को अछूता नहीं छोड़ा। भारत के मुकाबले में अन्य देशों की जनता ने 70 साल में काफी तरक्की की। लेकिन कांग्रेस के भ्रष्ट शासन में नकली गांधी परिवार बिना कोई काम-धंधा किए हजारों करोड़ की संपत्ति का मालिक बन गया। कांग्रेस के नेता हर साल अपनी जायदाद में कई गुना की बढ़ोत्तरी दर्ज करते रहे और जनता रोटी पानी जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए तरसती रही।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के “ अब होगा न्याय“ के झूठे नारे से जनता को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बार फिर से नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए लोग हर तरह के भेदभाव को भुलाकर एक जुट हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सत्ता में आना राहुल गांधी के चांद पर पहुंचने जैसा सपना है जो कभी पूरा नहीं होगा। लोकसभा में पिछली बार सिर्फ 44 सीटें जीतने वाली कांग्रेस पार्टी इस बार 40 से भी कम सीटों पर सिमट जाएगी। राहुल गांधी सिर्फ ख्वाबों में प्रधानमंत्री बनने का मज़ा ले सकते है।