हिमाचल की सियासत में आजकल भूचाल सा आ गया है। खासकर कांग्रेस पार्टी की अंतर्कलह तो खुलकर सामने आ रही है। कांग्रेस सरकार के मुखिया और संगठन के मुखिया के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह आर-पार की लड़ाई के मूड में नज़र आ रहे हैं। पिछले पांच दशक से हिमाचल की राजनीति के दिग्गज कहे जाने वाले वीरभद्र सिंह उम्र के अंतिम पड़ाव में भी अपना दम खम दिखाने पर उतर आए हैं।
CM वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कर रहे योजनाओं का लोकार्पण
खबर तो ये भी है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आलाकमान तक को कमेटी अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू को हटाने और चुनाव की कमान अपने हाथ में लेने के लिए अल्टीमेटम दे दिया है। मुख्यमंत्री पिछले तीन दिन से शिमला में ही डटे हुए हैं। यहां तक कि अपने सारे कार्यक्रम भी इस दौरान उन्होंने रद्द कर दिए और सचिवालय में बैठकर ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही सभी योजनाओं को जनता के लिए समर्पित किया। क्या ये भी मुख्यमंत्री की आलाकमान से नाराज़गी इज़हार करने का स्टंट है या कुछ और?
सीएम अब सुक्खू को हटाकर ही दम लेंगे!
बहरहाल मुख्यमंत्री आज यानी मंगलवार को दो बजे दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं और 31अगस्त तक वहीं रहेंगे। सबकी नजर वीरभद्र सिंह के इस दौरे पर टिकी हुई हैं। वीरभद्र सिंह के करीबी तो यहां तक कह रहे हैं कि सीएम अब सुक्खू को हटाने के पीछे पड़ गए हैं और वह उनको हटा के ही दम लेंगे। 2012 में भी चुनाव से ऐन पहले वीरभद्र सिंह ने आलाकमान पर इसी तरह का दबाव बनाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी का सपना देख रहे कौल सिंह ठाकुर को साइड लाइन कर अध्यक्ष बनकर मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल की थी। इस बार भी क्या इतिहास अपने को दोहराएगा?