हिमाचल कांग्रेस अमीर नेताओं की संख्या कम नहीं है। ख़ासकर करोड़पति नेताओं की बात करें तो पार्टी ऐसे नेताओं से पटी पड़ी है। लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि इतने अमीर नेताओं से संपन्न कांग्रेस ग़रीबी के दौर से गुजर रही है। पार्टी का कोष खाली है। कांग्रेस को आर्थिक सहयोग के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अपने नेताओं से लगातार पैसे की गुहार लगा रहे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने सभी नेताओं पर स्वेच्छा से पैसे दान देने का आग्रह किया। पिछले दिनों पीसीसी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को शिमला में प्रदेश के विधायकों और नेताओं से पैसे की गुहार लगानी पड़ी। जानकारी के मुताबिक विधायकों सें एक लाख रुपये, पूर्व विधायकों से 50 हजार रुपये, ऑफिस बियरर से 20 हजार रुपये, जिला अध्यक्ष पदाधिकारी से 10 हजार और ब्लॉक अध्यक्ष से 5 हजार रुपये मांगे गए हैं। हालांकि, पैसों को लेकर कोई अनिवार्यता निर्धारित नहीं है। लेकिन, फिर भी अगर कोई चाहे तो अधिक धन भी पार्टी फंड में जमा करा सकता है।
करोड़पति नेताओं से भरी पार्टी ग़रीब कैसे?
इस सवाल का जवाब किसी के पास भी मूल रूप से मौजूद नहीं है। जिस पार्टी के पास पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य हों, जीएस बाली जैसे कद्दावर नेता हों, मुकेश अग्निहोत्री, कौल सिंह ठाकुर, राजेंद्र राणा और आशीष बुटेल जैसी शख्सियतें हो, वह पार्टी भला पाई-पाई के लिए मोहताज़ कैसे हो सकती है।
चुनाव आयोग की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस में दर्जनों नेता करोड़पति हैं। संपत्ति इतनी है कि अपने दमखम पर सालों तक पार्टी का खर्चा उठा सकें। लेकिन, कांग्रेस अपने शिमला स्थित मुख्यालय का सही से खर्च उठाने में नाकाम है।
स्थिति को समझने के लिए आप पहले इन नेताओं की संपत्ति पर गौर फरमाइए…
नेता | संपत्ति (रुपये |
1. विक्रमादित्य सिंह | 84.30 करोड़ |
2. राकेश कालिया | 74 करोड़ |
3. जीएस बाली | 47.67 करोड़ |
4. वीरभद्र सिंह | 30.50 करोड़ |
5. राजेंद्र राणा | 26.7 करोड़ |
6. आशीष बुटेल | 21 करोड़ |
7. अनिरुद्ध सिंह | 16.22 करोड़ |
इनके अलावा अगर गौर करें तो ठाकुर कौल सिंह, चंद्र कुमार, मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू जैसे कई नेताओं की संपत्ति करोड़ों में है।
अब सवाल लगातार कौंध रहा है कि जब इतने संपन्न नेता इस पार्टी में हैं, तो फिर यह फंड की कमी से क्यों जूझ रही है। क्यों नहीं पार्टी के करोड़पति नेता चंदा देने के लिए बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं? करोड़पति नेता पार्टी को लेकर इतना उदासीन क्यों नहीं आ रहे हैं?
2012-17 तक कई नेताओं की संपत्ति में इजाफा
चुनाव आयोग को दिए गए आंकड़ों से साफ हो जाता है। कांग्रेस के कार्यकाल में खुद तत्कालीन सीएम समेत कई नेताओं के निजी कोष में काफी बढ़ोत्तरी हुई थी। लेकिन, हैरान करने वाली बात यह है कि नेता तो अमीर होते गए, मगर पार्टी गरीब होती चली गई। समाचार फर्स्ट को मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के कई नेताओं की संपत्ति उनके परिजनों के नाम ज्यादा है।