हिमाचल प्रदेश में 65 हज़ार करोड़ से ज़्यादा कर्ज हो चुका है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री बिना बजट प्रावधानों के घोषणाएं कर रहे हैं। कर्मचारियों के वेतनमान में कई विसंगतियों के बावजूद 6ठा पे कमीशन लागू किया गया। जब कर्मचारियों की नाराजगी सामने आई तो आनन फ़ानन में 25 जनवरी को नई घोषणाएं कर दी। 60 यूनिट बिजली फ़्री कर दी जो कि ऊंट के मुंह में जीरा डालने के बराबर है क्योंकि 60 यूनिट तो एक बल्ब जलाने पर ख़र्च हो जाता है। ये बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठ़ौर ने कही।
राठौर ने कहा कि प्रदेश की जनता भोली है लेकिन समझदार भी है। वह जानती है कि ये सारी चुनावी घोषणाएं हैं। आपने तो अपने दृष्टि पत्र के वायदे भी पूरे नहीं किए। इसलिए हिमाचल की जनता आपसे विश्वास खो चुकी है। अब भाजपा सरकार का जाना तय है, क्योंकि हिमाचल में जनता बदलाव का मन बना चुकी है। डबल इंजन की सरकार भी प्रदेश को कोई बड़ा पैकेज नहीं दिला पाई। मंडी में जो जहरीली शराब मामला है उसकी न्यायिक जांच की जाए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के हिमाचल दौरे भी निराशाजनक रहे। डिपुओं की दाल में चूहे निकल रहे हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए। हिमाचल में सीमेंट कारखाने हैं लेकिन हिमाचल में सीमेंट महंगा है। महंगाई, बेरोजगारी और अव्यवस्था से जनता परेशान है, जो चुनावों में जवाब देगी।