कांग्रेस हिमाचल विधानसभा चुनाव में फिर से परिवारवाद के सिद्धांत पर अमल करने पर मजबूर हो गई है। शाम साढ़े 6 बजे तक परिवारवाद से जुड़े टिकटों पर मुहर लगने जा रही है। इसके मद्देनजर एक बार फिर कांग्रेस हाईकमान ने बड़े राजनीतिक घरानों के आगे घुटने टेक दिया है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य को शिमला ग्रामीण, कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर को मंडी और बीबीएल बुटेल के बेटे आशीष बुटेल का टिकट पालमपुर से फाइनल हो चुका है।
पिछले कई दिनों से एक परिवार से एक सदस्य के टिकट पर मंथन चल रहा था। तमाम अवरोधों के बावजूद परिवारवाद का तमगा कांग्रेस से नहीं छूट पाया। बताया जा रहा है कि अपनी संतानों को टिकट दिलाने के लिए वरिष्ठ नेताओं एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। इसमें मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का 'वीटो' खासा असर डाला है।
कांग्रेस अक्सर विरोधियों के निशाने पर परिवारवाद के मसले पर ही ज्याद रहती है। ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इस पहचान से पार्टी को अलग करने के लिए एक परिवार से एक टिकट का फॉर्मूला बनाया था। लेकिन, उनका यह फॉर्मूला अब क्षतिग्रस्त हो चुका है।