हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के चलते कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की लिस्ट फाइनल करने में लगी है, लेकिन बुधवार दोपहर तक कांग्रेस की लिस्ट नहीं बन पाई है। लिस्ट फाइनल ना होने का एक ही कारण है कि कांग्रेस नेताओं के गुट एक-दूसरे के कैंडिडेट पर सहमत नहीं है।
इसी गुटबाजी एक उदाहरण तब पेश में जब मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव लड़ने पर बिलकुल अलग बयान दिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को सुखविंदर सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में उन्हें जहां से भी सीट मिलेगी, वे वहीं से ही चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री ने सुक्खू को लेकर कहा था कि सुक्खू चुनाव नहीं लड़ना चाहते और वे पार्टी को जीत दिलाने का काम करेंगे।
इन दोनों नेताओं के ये अलग-अलग बयान ये साफ करते हैं कि कांग्रेस नेताओं की ये गुटबाजियां कांग्रेस की लिस्ट में देरी कर रही है। मंगलवार को करीब तीन बार बैठक की गई और इन बैठकों का कोई फाइनल डिसीज़न नहीं निकला। लिहाजा, बुधवार को भी बैठक जारी है और अभी तक 15 प्रत्याशियों पर सहमति बनना बाकी है।