बीजेपी के राष्ट्रीय अध्य़क्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की संपत्ति का मामला अब हिमाचल पहुंच चुका है। इसी कड़ी में कांग्रेस पीसीसी चीफ सुक्खू औऱ कांग्रेस की सह-प्रभारी रंजीत रंजन ने मोदी सरकार पर जमकर हल्ला बोला और कार्रवाई की मांग की।
द वायर का हवाला देते हुए रंजीत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा' नारे का क्या हुआ। मोदी को बताना चाहिए कि कैसे जय शाह की कंपनी टेंपल इंटप्राइस़िस लिमिटेड ने 16 हजार गुना मुनाफा कमाया, जबकि 2014 में यह कंपनी घाटे में चल रही थी। मोदी सरकार आते ही अचानक कंपनी का टर्नओवर 80 करोड़ हो गया, जबकि आज जीडीपी गिर रही है और स्टार्ट अप इंडिया पीछे जा रहा है। कांग्रेस इस मामले में न्यायिक जांच की मांग करती है।
राष्ट्रीय अध्यक्षों पर केसों की प्रथा
द वायर की पूरी रिपोर्ट का हवाला देते हुए रंजीत रंजन ने मोदी सरकार के मंत्रियों को भी घेरा। रंजन ने आरोप लगाया कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्षों पर आरोपों का रिकॉर्ड रहा है, फिर चाहे वे आडवाणी हो, बंगारू लक्ष्मण हो या फिर नितिन गड़गरी। सबको किसी ना किसी आरोप में पद छोड़ना पड़ा है।
टर्नओवर पर हो ईडी-सीबीआई की जांच
रंजीत रंजन ने कहा कि मोदी हमेशा कहते रहे हैं कि भ्रष्टाचार पर सरकार का जीरो टॉलरेंस हैं। लेकिन, जय शाह पर भी उसी तरह जांच हो, जिस तरह हिमाचल के मुख्यमंत्री के खिलाफ ईडी और सीबीआई जांच कर रही है। रंजन ने कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस हिमाचल चुनावों में उतरेगी और बीजेपी के काले धंधो को गिनाएगी।
संगठन की पीसी में नहीं पहुंचे CM
वहीं, पीसी में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भी आना था लेकिन वह नहीं आए। इस पर रंजीत रंजन ने सफाई दी कि ये संगठन की पीसी है, इसलिए प्रोटोकॉल के हिसाब से मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे। रही बात सरकार और संगठन की तो उनमें कोई मतभेद नहीं है, आईसीसी के तौर पर यह पीसी हुई है।
गौरतलब है कि अपनी साख को बचाने में जुटी कांग्रेस के लिए ये मुद्दा किसी संजीवनी से कम नहीं है। जैसे ही ये खबर मीडिया में सुर्खियां बनी कांग्रेस ने आज देश भर में बीजेपी को खूब घेरा। शिमला में भी कांग्रेस पार्टी सह प्रभारी रंजीत रंजन एवम कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मोदी सरकार पर हमला बोला तो वहीं केंद्र में कांग्रेस हाईकमान बीजेपी के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए है।