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नियम-62 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कांग्रेस विधायक ने सदन में उठाया धारा-118 का मामला

पी. चंद, शिमला |

विधानसभा सदन में नियम-130 की चर्चा के बाद कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने नियम-62 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में धारा-118 के मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि 1972 के यह भूमि मुजारा कानून की धारा 118 को तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार ने प्रदेश में लाया गया था। जिसके तहत हिमाचल में गैर कृषक भूमि नहीं ख़रीद सकते थे। ऐसा इसलिए किया गया ताकि दूसरे राज्यों के  संपन्न लोग प्रदेश में धड़ाधड़ जमीनें ना खरीद सकें।

दरअसल, सत्तर के दशक में हिमाचल की आर्थिकी इतनी मजबूत नहीं थी, तो आशंका जताई गई कि लोग अपने जमीनें बेच देंगे। ऐसे में हिमाचली भूमिहीन हो जाएंगे। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35-A को हिमाचल से न जोड़ा जाए। क्योंकि, हिमाचल की धारा-118 बिलकुल अलग है। इसलिए वर्तमान सरकार धारा-118 में छूट या इसको आसान करने की कोशिश न करें। साथ ही पर्यटन निगम के होटलों को बेचने का ख्याल भी सरकार न लाए।

जबाव में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष की शंका को निराधार बताया ओर कहा कि जब से प्रदेश सरकार ने इन्वेस्टर मीट को लेकर रोड़ शो किए विपक्ष ये सोच रहा है कि हम तो ये कर नहीं पाए बीजेपी सरकार कैसे कर रही है। हिमाचल के हितों का सरकार को पूरा ध्यान है। डॉ. परमार ने 1972 में भूमि मुजारा कानून लाया उसका सरकार भी सराहना करती है। उस वक़्त भी ये तर्कसंगत था आज भी है।

सीएम ने कहा कि सरकार इसको बदलने की जरा सी भी मंशा नहीं है न ही करेगी। धारा-118 में 1976 से 2014 तक कई बार संसोधन किए गए उस वक़्त कांग्रेस की ही सरकारें थी। विपक्ष पिछले पौने दो साल से बिना वजह धारा-118 को लेकर सरकार पर शक कर रही है जो कि बिलकुल गलत है। आधुनिक युग में बिना आधार के ऐसे आरोप नहीं लगा सकते क्योंकि लोग सारी जानकारी रखते हैं।

सीम ने कहा कि सरकार धारा-118 में कोई संसोधन नहीं कर रही है ये स्पष्ट है। सरकार ने प्रदेश में निवेश लाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के लिए नियमों को सरलीकरण किया है। 118 में निवेशकों के लिए दी जाने वाली भूमि को ऑनलाइन डाला जाएगा। पिछली कांग्रेस सरकार  ने तीन सालों में 1061 मामलों में धारा-118 की अनुमति दी जबकि वर्तमान सरकार ने अभी तक 500 निवेशकों को अनुमति दी है। अनुच्छेद-370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में नया युग आया है। 35A का हिमाचल से कोई संबंध नहीं है। कुछ नेताओं ने संसद में जरूर मामला उठाया लेकिन उनका कोई ठोस आधार नहीं है।