कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह की ‘अधिकारियों को पटक-पटक कर भेजने’ वाले बयान पर खूब फजीहत हुई। कर्मचारियों-अधिकारियों के साथ-साथ भाजपा ने भी इस मुद्दे को खूब भुनाया। इसके बाद विधायक विक्रमादित्य सिंह को इस मामले पर सफाई दी और भाजपा पर आरोप लगाया है। विक्रमादित्य ने कहा कि सोशल मीडिया में उनके बयान को तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया। यह उनको बदनाम करने की भाजपा की एक सोची समझी साजिश है।
उन्होंने इसके लिए भाजपा के आईटी सेल सहित भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि यह वीडियो पूरी तरह से कट पेस्ट कर लोगों को भ्रमित करने के लिए भाजपा द्वारा जारी किया गया है। विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने कभी भी अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ ऐसी कोई टिप्पणी या बयान नहीं दिया है जो उनकी भावना को ठेस पहुंचाता हो। कांग्रेस हमेशा ही अधिकारियों और कर्मचारियों की हितैषी रही है। यही वजह रही है कि प्रदेश में वीरभद्र सिंह के शासनकाल के दौरान हमेशा ही सरकार और प्रशासन के बीच सौहार्द सम्बंध रहे हैं।
भाजपा पर निशाना साधते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि आज भाजपा के इस शासनकाल में सरकार और प्रशासन के बीच जो खाई पैदा हो रही है उसे सब जानते है। सरकार और प्रशासन में न तो कोई समन्वय है और न ही कोई सौहार्द है। आज जिस प्रकार से भाजपा के नेता, मंत्री अधिकारियों-कर्मचारियों को डराते धमकाते हैं वह निंदनीय है। प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ दुर्व्यवहार किया जाता रहा है, उससे सभी वाकिफ़ है।
विधायक ने कहा कि कुछ मुठी भर अधिकारी, कर्मचारी जो आज भाजपा के एजेंट बनकर सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ वह पहले भी बोलते रहें है और आगे भी बोलेंगे। अधिकारी, कर्मचारी किसी भी पार्टी के नहीं होते। वह सरकार का प्रमुख अंग होते है जो शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाते हैं। आज प्रदेश में भाजपा सरकार में जिस प्रकार अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है, कांग्रेस उस पार्टी को सत्ता से बाहर कर प्रदेश के लोगों को भी इस कुशासन से मुक्ति दिलाएगी।