हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के महासचिव महेश्वर चौहान ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार की प्रशासनिक रेल पटरी से उतर चुकी है। भाजपा के हुक्मरान प्रदेश को तानाशाह की तरह चलाना चाहते हैं परंतु अफसरशाही बेखौफ़ होकर बेलगाम घोड़े की तरह दौड़ रही है। विकास का दम भरने वाली भाजपा की सरकार प्रदेश को विकास की गति देने में पूरी तरह असफल हो चुकी है और प्रदेश को आगे ले जाने की न कोई नीति है, न सोच है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार आर्थिक मोर्चे पर भी पूरी तरह असफल रही है और प्रदेश में संसाधन सृजित करने, निवेशकों को लाने और केंद्र से आर्थिक सहायता पाने में विफल रही है। अब केवल भारी-भरकम कर्जा लेकर काम चलाऊ व्यवस्था का वातावरण बना रही है।
उन्होंने कहा कि जिस दिन से भाजपा प्रदेश में सत्तासीन हुई, एक गैर-हिमाचली लॉबी सक्रिय है जो हिमाचल की ज़मीनों , पर्वतश्रृंखलाओं और बेशकीमती संपत्तियों पर नजर गड़ाये हुए हैं।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही भाजपा के उच्च सूत्र व कुछ अति उत्साही अफसर लगातार लैंड टैंनेंसी एक्ट की धारा-118 के साथ सरलीकरण के नाम पर छेड़छाड़ करने का प्रयास कर रहे हैं परंतु कांग्रेस पार्टी वक्त-वक्त पर लोकतंत्र के सजग प्रहरी की तरह इसका विरोध करके भाजपा के मनसूबों को पूरा होने से रोक रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा राज में धारा-118 में संशोधन व टी-टूरिज्म, ऑर्चड-टूरिज्म जैसे नामों की आड़ में लैंड सिलिंग एक्ट तक में संशोधन की बातें कर हिमाचल को बेचने का प्रयास हो रहा है परंतु कांग्रेस पार्टी, हिमाचल की ज़मीने व संपत्तियां किसी कीमत पर लूटने नहीं देगी। हाल ही में बीजेपी सरकार ने हिमाचल प्रर्यटन के 14 बेशकीमती होटलों को बेचने का बड़ा षडयंत्र रचा जिसे कांग्रेस विधायक दल ने विधान सभा के अंदर उजागर किया और इसका जोरदार विरोध करके सरकार को घूटने टेकने पर मजबूर किया।
कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि बिना सरकार की इज्जाजत/ मिलीभगत से इतना बड़ा षडयंत्र कैसे संभव है जबकि प्रदेश के मुख्य मंत्री स्वयं हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डिवैलपमैंट कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष हैं और यदि यह उनकी जानकारी में नहीं था तो प्रदेश में कौन-सी ऐसी अतिरिक्त संवैधानिक शक्तियां हैं जिन्होंने इस षडयंत्र को अंजाम दिया? इस मामले में कार्रवाई के नाम पर मात्र लीपापोती की जा रही है। आज प्रदेश की जनता यह जानना चाहती है कि इसके पीछे कौन लोग हैं? क्या यह कारनामा मात्र एक अधिकारी का है और तबादला ही इसकी सजा है?
उन्होंने कहा कि यह हिमाचल की संपत्तियों को बेचने का संगीन मामला है और सरकार को इसमें गंभीरता दिखाते हुए निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और जो लोग इसमें संलिप्त हैं उनके ख़िलाफ़ अविलम्ब उचित कार्रवाई करनी चाहिए।