सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्हें दलित विरोधी बताया है। अनुराग ने कहा कि कांग्रेस ने देश की आजादी के साथ ही फूट डालो और सासन करो की नीति पर चलते हुए पिछड़ों और दलितों का शोषण किया है। कांग्रेस ने दलित समुदाय का इस्तेमाल सिर्फ़ वोट बैंक के लिए किया और उन्हें हर सुविधाओं से दूर रखा। इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी ने भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को भी नहीं बख़्शा। कांग्रेस ने बाबा साहेब की विद्वता और अस्मिता को हमेशा नीचा दिखाने का काम किया है। पंडित नेहरू तो विशेष तौर पर डॉ आंबेडकर को अपना प्रतिद्वंद्वी मानते थे। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि वे दलितों के नेतृत्वकर्ता के तौर पर प्रचारित हो।
कांग्रेस पार्टी ने धारा 370 पर भी बाबा साहब की बात नहीं मानी और इसे ज़बरन थोप कर बाबा साहब को अपमानित किया जिसका परिणाम आज तक देश भुगत रहा है। कांग्रेस बाबा साहेब से इतना नफ़रत करती थी कि उसने बाबा साहेब के देहांत के बाद भी कोई राष्ट्रीय स्मारक नहीं बनने दिया। वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार ने बाबा साहेब आंबेडकर को उचित सम्मान देते हुए उनके जन्म स्थान महू में बाबा साहेब का राष्ट्रीय स्मारक बनवाया।
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अनुराग ने कहा कि मोदी सरकार ने दलित समुदाय के कल्याण के लिए 80 हज़ार करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। देश में पहले से चले आ रहे दलित उत्पीड़न कानून 1989 को प्रधानमंत्री मोदी ने संशोधित करके और अधिक सख्त बनाया। एससी-एसटी कानून को मोदी सरकार के दौरान मजबूत किया गया है। बीजेपी के पास आज सबसे ज्यादा दलित सांसद और विधायक हैं, जिस कारण विपक्ष परेशान है।