हिमाचल प्रदेश में हजारों लोगों का रोजगार पर्यटकों के चलते चलता है। लेकिन कोरोना महामारी में यह कारोबार पूरी तरह से बंद पड़ा है यह कहना है पूर्व मंत्री जीएस बाली का। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पेज के माध्यम से सरकार से कहा कि हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यव्यस्था में पर्यटन क्षेत्र का अहम योगदान है। साथ ही यह क्षेत्र होटल से लेकर ट्रांसपोर्ट तक जुड़े हजारों लोगों की रोजी रोटी का साधन है। हमारे प्रदेश के कई लोग टैक्सी और इस तरह की गाड़ियां लोन में लेकर उनसे कमाकर अपने परिवार की आजीविका चलाते हैं। पर्यटन क्षेत्र पर कोरोना और लॉकडाउन की सबसे अधिक मार पड़ी है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार जहां खुद लोन लेकर गुजारा कर रही है। वहीं, मंदी से जूझ रहे टैक्सी ऑपरेटरों को टैक्स न भर पाने के कारण सड़कों पर चालान करवा रही है। सरकार को समझना चाहिए कि लोन और टैक्स का बोझ ये ऑपरेटर अब तभी उठा पाएंगे जब हालात कुछ सुधरेंगे। इन लोगों को तब तक मोहलत दी जाए। अनावश्यक रूप से इस सेक्टर से जीविका चला रहे लोगों को तंग न किया जाए। यह तबका आजतक राजस्व का मुख्य हिस्सा रह चुका है और आज इन्हें चंद महीनों तक सरकार के सहयोग की जरूरत है।
बाली ने कहा कि इनके ऊपर आज गाड़ी की क़िस्त भरने और परिवार के भरण पोषण की मंदी के बीच डबल जिम्मेदारी है। इनकी मजबूरी को समझा जाये और बेवजह इनपर अभी आर्थिक बोझ और जुर्माने न किये जायें। सरकार हालात सामान्य होने का इंतजार करे। यह तबका ईमानदारी से अपना टैक्स भरता आया है और आगे भी भरेगा। अभी इनसे सहयोग किया जाए।