कोरोना संक्रमण से मौत के मामले में हिमाचल प्रदेश देश से आगे निकल गया है। हिमाचल प्रदेश में कारोना से मौत की दर 1.5 फ़ीसदी है जबकि भारत में मृत्यु दर 1.4 फ़ीसदी दर्ज की जा रही है। केरल एक ऐसा राज्य है जहां सबसे कम 0.3 फ़ीसदी मृत्यु दर है। हिमाचल के लिए कोरोना से बढ़ता मौतों का आंकड़ा चिंता की बात है। ये आरोप सीपीआईएम ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने लगाए हैं।
राकेश सिंघा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बढ़ती मृत्यु दर का कारण चरमराती स्वास्थ्य सेवाएं हैं। शिमला के क्षेत्रीय अस्पताल दीनदयाल उपाध्याय में प्रतिदिन 15 लाख लीटर ऑक्सीजन की जरूरत है। जबकि 5 लाख लीटर ही ऑक्सीजन की उपलब्धता है। ऐसे में मृत्यु दर का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। राकेश सिंघा ने आरोप लगाया की शादियों की वजह से भी कोरोना बढ़ रहा है लेकिन प्रदेश में समय पर स्वास्थ्य सेवाएं न मिलना कोरोना संक्रमण कि महामारी को मृत्यु में बदल रही है।
सरकार के केंद्र सरकार से मिले स्वास्थ्य उपकरणों के सभी दावे फेल नजर आ रहे हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मियों का टोटा है और जो स्टॉफ काम कर रहा है। उनको बहुत कम वेतन मिल रहा है साथ ही उनके लिए कोई सुरक्षा के इंतजाम भी सरकार ने नहीं किया हैं। इसलिए सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना पड़ेगा अन्यथा मौतों का सिलसिला रुकने वाला नहीं है।