<p>धर्मशाला नगर निगम की बैठक हंगामे और बहसबाजी की भेंट चढ़ गयी। ढाई महीने बाद हुई यह बैठक बेनतीजा साबित रही। मनोनित पार्षद और निर्वाचित पार्षद के बीच का द्वंद किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाया। दरअसल, सबसे पहले मनोनित पार्षदों ने बैठक में मीडिया की मौजूदगी का पक्ष लिया तो वहीं मेयर, डिप्टी मेयर समेत निर्वाचित पार्षदों ने इसका विरोध किया। जिसके बाद बहसबाजी हंगामें में बदल गयी और बठक के दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।</p>
<p>2 बजे बैठक दोबारा शुरू हुई। लेकिन, मामला स्मार्ट सिटी के तहत आने वाले प्रॉजेक्ट्स पर अटक गया। मनोनित पार्षदों ने स्मार्ट सिटी के तहत अधिकांश प्रॉजेक्ट को घनी आबादी में होने का हवाला देकर इस पर सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि घनी आबादी को छोड़ ऐसे प्रॉजेक्ट को खुली जगह में क्यों नहीं प्रपोज किया गया। इसके बाद हंगामे का दौर एक बार फिर शुरू हो गया।</p>
<p>इस दौरान नगर निगम के कमीश्नर संदीप कदम ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत कुल 2109 करोड़ रुपये के 74 प्रॉजेक्ट्स हैं, जिनमें 401 करोड़ के 30 प्रॉजेक्ट्स पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि निगम के पास स्टाफ की भारी कमी है।</p>
<p>इस दौरान सफाई ठेके के नए मॉडल पर भी सहमति नहीं बन पायी। मनोनित पार्षदों ने पेश किए गए नए मॉडल का पहले अध्ययन की बात कही है।</p>
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