इन दिनों हिमाचल प्रदेश में कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिल रहा है… केंद्रीय राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर जब भी हिमाचल के दौरे पर आ रहे हैं तो सरकार के विधायकों से लेकर मंत्री तक सभी उनसे कन्नी काटते नज़र आ रहे हैं और अब तो हालात में इतना बदलाव हो चुका है कि एक समय ऐसा था जब एक छोटा सा कार्यक्रम भी प्रेम कुमार धूमल की अनुमति के बिना प्रदेश में नहीं होते थे। अब बड़े-बड़े कार्यक्रम उनकी अनुमति के बिना भी हो रहे हैं और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर की पूरी तरह इन कार्यक्रमों में उपेक्षा की जा रही है।
पहले मंडी में अनुराग ठाकुर के दौरे के दौरान सभी विधायकों का वहां से नदारद हो जाना और अनुराग ठाकुर को यह याद दिलाना कि मैं मंडी का दामाद हूं और उसके बाद फिर अनुराग ठाकुर का सरकार के ऊपर हमला करना, रेल जैसे विषयों को लेकर जनता के बीच में जाना खुद बताता है कि प्रदेश सरकार और धूमल परिवार के बीच में तालमेल की इन दिनों भारी कमी है। या यूं कहें कि सरकार धूमल परिवार की किसी भी रूप में अनदेखी करना चाहते हैं अब ग्लोबल इन्वेस्टर मीट हिमाचल प्रदेश में होने जा रही है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह आने वाले हैं। लेकिन यहां पर भी केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है और उन्हें किसी भी सक्रिय भूमिका से दूर रखने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है।
यह बात खुद उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर ने भी मानी है कि अनुराग ठाकुर की सक्रिय भूमिका ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में फिलहाल नहीं रहने वाली है। इस तरह से यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि धूमल परिवार और भाजपा सरकार के बीच में कुछ भी ठीक नहीं है। अब यह भी राजनीति से जुड़े जानकार कहते हैं कि सभी लोग अपने पुराने हिसाब किताबों को चुकता करने में लगे हैं और यही सबसे बड़ा कारण अनुराग ठाकुर की अनदेखी का है।