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सदन में हुई बढ़ी हुई बिजली दरों पर चर्चा, ऊर्जा मंत्री बोले- अगले साल किया जाएगा दरों पर पुनर्विचार

पी. चंद शिमला |

मॉनसून सत्र के नौंवे दिन विधानसभा सदन में नियम 130 के अंतर्गत कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर, हर्षवर्धन चौहान और राजेंद्र राणा की तरफ से कोरोना काल में की गई बिजली की दरों में वृद्धि के मामले को लेकर प्रस्ताव चर्चा के लिए लाया जिसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने भाग लिया। विपक्ष पक्ष के विधायकों ने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी के दौर में बिजली की दरों में वृद्धि कर जनता पर बोझ डालने का काम किया है। इसलिए सरकार बढ़ी हुई दरों को वापस ले और जनता को राहत दे।

चर्चा के जवाब में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि कोरोना के कारण प्रदेश को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। और बिजली की दरों में इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन द्वारा अलग-अलग स्लैब में थोड़ी बढ़ोतरी की गई है। लेकिन पड़ोसी राज्यों की तुलना में प्रदेश में बिजली फिर भी सस्ती है।

मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने 5 साल के अपने कार्यकाल में बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि की है। कांग्रेस ने 0-125 यूनिट बिजली पर 40 पैसे बढ़ाये जबकि भाजपा सरकार ने अभी तक 5 पैसे, 126- 300 यूनिट में कांग्रेस ने 70 पैसे और जयराम सरकार ने 1 रुपये 5 पैसे और 300 से अधिक यूनिट पर कांग्रेस ने 1 रुपये 10 पैसे जबकि जयराम सरकार ने 65 पैसे दाम बढ़ाए हैं। इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने कोरोना के कारण फिलहाल एक साल के लिए बढ़ोतरी निर्णय लिया और आगामी वर्ष 2021 में बिजली दरों पर पुनर्विचार किया जाएगा।