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पिछले 3 साल में 34 विधुत कर्मी ड्यूटी के दौरान बने काल के ग्रास

पी. चंद, शिमला |

ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने ऊर्जा मंत्री से पूछा कि 31 जनवरी 2020 तक पिछले तीन साल में राज्य विद्युत बोर्ड के कितने कर्मचारी ड्यूटी के दौरान मृत्यु को प्राप्त हुए उनमें आउटसोर्स, कांटेक्ट और अन्य कितने थे। सरकार क्या ऐसे कर्मियों के आश्रितों को नोकरी और पेंशन दे रही है यदि नहीं तो कारण बताएं।

जवाब में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि 31 जनवरी 2020 तक पिछले तीन साल के दौरान राज्य विद्युत बोर्ड के 34 कर्मियों की मौत हुई। जिनमें 5 आउटसोर्स के थे। इनमें से 11 के परिवारों को करुणामूल्क आधार पर नोकरी दी गई है। 14 मामले प्रगति पर हैं जबकि 9 कर्मियों ने नौकरी के लिए आवेदन ही नहीं किया। 34 में से 23 कर्मियों के परिवार पेंशन के दायरे में आते हैं। जबकि 11 अन्य को न्यू पेंशन स्कीम में डाला गया है।

सिंघा ने पूछा कि इस मृत्यु के आंकड़े में उन लोगों का आंकड़ा नहीं है जो मज़दूर काम करते हैं। ऐसे मृतकों को एक पैसा तक नहीं मिला। इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विद्युत कर्मियों को 4 लाख मुआवज़ा दिया जाता है। जबकि करंट लगने के अपाहिज़ हुए व्यक्ति को दो लाख दिया जाता है। रोशन लाल का मामला कोर्ट में चल रहा है लेकिन सरकार उसके परिवार को दो लाख देगी।