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देहरा में दिखी गुटबाज़ी, नज़र आयी स्थानीय भाजपा नेताओं की राजनीतिक लड़ाई

नवनीत बत्ता, हमीरपुर |

जिला कांगड़ा के देहरा दौरे पर आए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का सीएम का दोहरा सम्मान हुआ। स्थानीय विधायक होशियार सिंह और पूर्व मंत्री रविन्द्र रवि ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग का अलग-अलग स्वागत किया। वहीं स्वागत कार्यक्रम साफ तौर पर दो हिस्सों में बंटा नजर आया। विधायक होशियार सिंह के समर्थक और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी अतिथियों का अलग-अलग स्वागत किया।

हालांकि इस दौरान होशियार सिंह के कार्यकर्ताओं ने पूरे कार्यक्रम में अपनी दमदार उपस्थित दर्शाई जबकि भाजपा कार्यकर्ता खामोश ही रहे। होशियार सिंह के समर्थकों ने अलग ही रणनीति अपनाते हुए नारेबाजी की। उन्होंने जहां होशियार सिंह के पक्ष में नारे लगाए वहीं सीएम, अनुराग सहित सभी भाजपा मंत्रियों और विधायकों के पक्ष में नारे लगाए जबकि भाजपा समर्थक खामोश ही रहे और पूर्व मंत्री रविन्द्र रवि के नाम के नारे गूंजे ही नहीं।

मंडल अध्यक्ष ने खोला मांगों का पिटारा

कार्यक्रम में मंडल भाजपा अध्यक्ष निर्मल ने मांगों का पिटारा सीएम के सामने खोला। उन्होंने क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों के अलावा पार्किंग, अस्पताल में डॉक्टरों की कमी सहित अन्य विभिन्न मांगें रखीं।

रवि ने नहीं लिया होशियार का नाम

अपने संबोधन में रविन्द्र सिंह रवि ने भी मंच पर आसीन सबका जिक्र किया लेकिन उन्होंने विधायक होशियार सिंह का नाम तक नहीं लिया। रवि ने कहा कि देहरा लगातार पिछड़ता रह गया। इसके पीछे कई कारण रहे वह उन कारणों को गिनाएंगे नहीं लेकिन इतना जरूर है कि देहरा हमेशा से हाशिये पर रहा गया। रवि ने स्वास्थ्य, सड़कों का मुद्दा उठाया। रवि ने आरोप लगाते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग में विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपए उन्होंने अनुराग ठाकुर के माध्यम से स्वीकृत करवाए लेकिन कोई भी कार्य सही तरीके से नहीं हुए। रवि ने इन कार्यों की जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। रवि ने नगर परिषद के भवन और पार्किंग निर्माण की मांग की। रवि ने देहरा क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं के दोहन करके विकास के द्वार खोलने की मांग की। पोंग झील के किनारे गेहूं की बिजाई का मामला भी रवि ने उठाया।

बगलामुखी मंदिर कमेटी पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

रवि ने बगलामुखी मंदिर में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मंदिर की कमेटी को सरकार अपने अधीन ले ताकि गरीब लोगों की रोजी रोटी चली रहे। इस मंदिर की आय पहले ही करोड़ों रुपए की है और ऐसे में एशियन डेवलपमेंट बैंक की तरफ से करोड़ों रुपए देना तर्कसंगत नहीं है।