पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किसानों से रसायनयुक्त खेती के बजाय प्राकृतिक खेती को अपनाने की अपील की है। सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर ग्राम पंचायत समीरपुर में कृषि विभाग और आतमा परियोजना द्वारा आयोजित कृषक प्रशिक्षण शिविर में उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए धूमल ने कहा कि खेतों में रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग के बहुत ही गंभीर दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। इसलिए किसानों को इनके प्रयोग से बचना चाहिए तथा पारंपरिक प्राकृतिक खेती को अपनाना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने बहुत ही महत्वपूर्ण योजनाएं आरंभ की हैं। किसान इन योजनाओं का लाभ उठाकर पारंपरिक प्राकृतिक खेती से अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। प्राकृतिक खेती से तैयार की गई फसलों को बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं और आने वाले समय में किसानों के लिए यह खेती बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है। धूमल ने कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे प्राकृतिक खेती से संबंधित वैज्ञानिक जानकारियां आम किसानों तक पहुंचाएं और इससे तैयार फसलों के बेहतर विपणन पर भी जोर दें, ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके।