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फतेहपुर उपचुनावः भाजपा को 2017 की गलती दोहराना पड़ सकती है महंगी

डेस्क |

फतेहपुर: हिमाचल के जिला कांगड़ा के विधानसभा क्षेत्र फतेहपुर में उपचुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस से दो-दो हाथ करने से पहले भाजपा को अपनों से मिल रही चुनौती से निपटना पड़ रहा है। पर एक बात साफ है कि अगर भाजपा विधानसभा चुनाव 2017 में की अपनी गलती को दोहराती तो यह महंगी साबित हो सकती है। फतेहपुर में इस वक्त कृपाल परमार, रीता ठाकुर, जगदेव सिंह और बदलेव ठाकुर भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार हैं।

भाजपा ने हाईकमान को इनके नाम पैनल में भी भेजे हैं। अब टिकट का फैसला हाईकमान करेगा। अगर हम 2017 विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा ने कृपाल परमार को टिकट दिया था। पर फतेहपुर में संगठन में बलदेव ठाकुर की पकड़ मजबूत थी। कृपाल परमार को टिकट मिलने से बलदेव ठाकुर और उनके समर्थक नाराज हो गए और कृपाल परमार को टिकट का विरोध किया गया।

बलदेव ठाकुर ने विधानसभा चुनाव में आजाद प्रत्याशी के तौर पर हुंकार भर दी। अधिकतर संगठन के लोग बलदेव ठाकुर के साथ चले गए। नतीजा यह हुआ कि न तो बलदेव ठाकुर जीते और न ही कृपाल जीत पाए। स्वर्गीय सुजान सिंह पठानिया ने एक बार फिर जीत दर्ज की। जीत का मार्जन 1,284 रहा था। सुजान सिंह पठानिया ने 18 हजार 962 और कृपाल परमार ने 17 हजार 678 मत प्राप्त किए थे।

फतेहपुर विधानसभा चुनाव 2017 हारने के बाद कृपाल परमार फतेहपुर में डट गए और आगामी चुनाव के लिए ग्राउंड तैयार करना शुरू कर दिया। भाजपा मंडल फतेहपुर सहित सभी कार्यकारिणियों का गठन और अन्य भाजपा संगठनों का पुनः गठन अपनी देख रेख में किया।

ऐसा कहा जा सकता है कि नए सिरे से संगठन को तैयार किया गया। वर्तमान परिस्थितियों में कृपाल परमार ने फतेहपुर में अच्छी पकड़ बना ली है। फतेहपुर उपचुनाव में अगर कृपाल परमार की जगह किसी और को टिकट मिलता है तो वर्ष 2017 का इतिहास दोहराने में देर नहीं लगेगी। इसलिए भाजपा को पार्टी की बगावत को भी इन चुनाव में दूर रखना होगा।