कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा पर लैंड डील मामले में दर्ज हुई एफआईआर पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री तक सभी मैदान में उतर आए हैं। राज्य के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसे राजनीतिक बदला करार दिया है। आपको बता दें कि एफआईआर में भूपेंद्र सिंह का हुड्डा का नाम भी है।
बीजेपी ने वाड्रा पर साधा निशाना
वहीं इस केस को लेकर बीजेपी ने वाड्रा पर निशाना भी साधा। दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने वाड्रा पर हमला किया और कहा, 'अब लिबरल्स कंफ्यूज हैं कि वे अर्बन नक्सल को बचाए या जीजा जी को।' वहीं बीजेपी नेता जवाहर यादव ने कहा कि यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, यह भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सामूहिक लड़ाई है। राज्य और केंद्र में बीजेपी सरकार किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं कर सकती है।
रॉबर्ट वाड्रा ने दी प्रतिक्रिया
इस मामले में अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि ये चुनावों का मौसम है और तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। दशकों पुराने मुद्दे को दोबारा उठाकर लोगों के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम किया जा रहा है। इसमें नया क्या है।
दरअसल गुरुग्राम जमीन घोटाला मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज हुई है। एफआईआर में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हूडा का भी नाम है। गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में स्काईलाइट कंपनी ने डीएलएफ से लोन लेकर साढ़े सात करोड़ रुपये में जमीन खरीदी थी और जमीन का लैंड यूज बदलने के बाद 58 करोड़ रुपये में बेच दी थी। डील के वक्त स्काईलाइट कंपनी में रॉबर्ट वाड्रा डायरेक्टर थे।
मामला क्या है ?
मामला 2007 का है जब 1 लाख रुपये की मूल पूंजी वाली वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट ने 2008 में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टी से 7.5 करोड़ रुपये में 3.5 एकड़ जमीन खरीदी। 7.5 करोड़ रुपये की जमीन के लिए डीएलएफ कंपनी से लोन लिया और वही जमीन लैंड यूज चेंज होने के बाद 58 करोड रुपये में डीएलएफ को ही बेच दी। वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में भी जमीन खरीदी थी और इसे डीएलएफ को बेच दिया।