Follow Us:

हमीरपुर: कांग्रेस की टिकट के कई तलबगार, पूर्व मंत्री ने बेटे के लिए मांगा टिकट

नवनीत बत्ता, हमीरपुर |

हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र सीट को कांग्रेस पार्टी में अंदर खाते हॉट सीट माना जा रहा है। यह भी माना जा रहा है कि किसी सशक्त उम्मीदवार को इस बार चुनावी मैदान में उतारा जाएगा। लेकिन, इन सबके बीच में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के बीच में चल रही तनातनी कहीं ना कहीं अब जाहिर होने लगी है। बेशक राहुल गांधी कुछ भी सोचते हों लेकिन स्थानीय राजनीति के चलते एक बार फिर कांग्रेस की राहें इस सीट पर आसान नहीं होने वाली है।

बड़े स्तर पर चल रही गुटबाजी के बीच में अब पूर्व उद्योग मंत्री और पूर्व पंचायती राज के अध्यक्ष रणजीत सिंह वर्मा आगे आए हैं। उन्होंने अपने बेटे डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा के लिए लोकसभा चुनाव में टिकट की मांग की है। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा जो कांग्रेस पार्टी में पिछले 20 सालों से सक्रिय भूमिका निभा रहा है और पेशे से डॉक्टर हैं और अनुराग ठाकुर को किसी भी स्तर पर टक्कर देने के लिए सक्षम है।

अगर पार्टी हाईकमान इस तरह के नए चेहरे को टिकट देगी तो पार्टी को जीत अवश्य मिलेगी। बताते चलें कि डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा जो कि मंत्री के बेटे हैं पिछले लंबे समय से अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेसी के कार्यक्रमों में सक्रिय हैं और समाज सेवा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। जिसके चलते उनके पिता ने आज अपने बेटे के लिए ही राहुल गांधी से टिकट की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रभारी रजनी पाटिल प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर को भी देखना चाहिए कि ऐसा चेहरा आगे लेकर आए जिसको लेकर कोई विवाद ना हो और राहुल गांधी की जो मंशा इस सीट को जीतने की है वह पूरी हो जाए।

 इस तरह से अब बड़े-बड़े दिग्गज उम्मीदवारों के बाद यह एक लो प्रोफाइल और नया नाम भी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों की सूची में आगे आता नजर आ रहा है। वहीं, अगर बड़े नेताओं की बात करें तो मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंदर सिंह सुक्खू दोनों ही एक दूसरे को अनुराग ठाकुर के खिलाफ से सशक्त उम्मीदवार बता रहे हैं। लेकिन जब चुनावी मैदान में उतरने की बात आती है तो स्पष्ट रूप से कोई भी हां कहता दिखाई नहीं दे रहा है।

ऐसे में कहीं ना कहीं नए चेहरे को कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार के रूप में उतार सकती हैं। जिनमें धर्मेंद्र पटेल, अनीता वर्मा के साथ पुष्पेंद्र वर्मा का नाम भी हो सकता है। वहीं, जातीय समीकरण भी पुष्पेंद्र वर्मा के पक्ष में बैठ रहे हैं। ऐसे में अगर पार्टी नया चेहरा ढूंढ रही होगी तो पुष्पेंद्र वर्मा के रूप में  इस नाम पर अपना दावा भी खेल सकते हैं।