हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री जीएस बाली ने जयराम सरकार को निशाने पर लिया है। आरोप लगाते हुए जीएस बाली ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को संरक्षण दे रही है। सरकार के इस कारनामे की बदोलत प्रदेश के ईमानदार अधिकारी हतोत्साहित हो गए हैं। अग़र सरकार ऐसी ही करती रही तो प्रदेश प्रगति के रास्ते में बहुत पीछे रह जाएगा।
जीएस बाली ने कहा कि ऐसा पहली दफ़ा हो रहा है जब सरकार पर ही एक सरकार चल रही है। सरकार ईमानदार अफ़सरों को प्रताड़ित कर भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण में खड़ी है। इसमें हैरानी इस बात की भी है कि इन भ्रष्ट अधिकारियों को पोस्टिंग और एक्सटेंशन मनमर्जी से मिल रही है। ऐसे अधिकारी सिर्फ कुछ नेता और केवल सरकार की ही सेवा करते हैं।
पूर्व मंत्री ने सरकार से सवाल किया कि आख़िर पहले से भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे अधिकारियों को एक्सटेंशन देने की तैयारी क्यों हो रही है? क्या भ्रष्ट अधिकारियों को एक्सटेंशन देना भी एक तरह से खुद भ्रष्टाचार करना नहीं है? जयराम सरकार को इन सवालों के जवाब देने चाहिए। अगर ऐसा ही चलता रहा तो जल्द ही भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने वाले नेता का कच्चा चिट्ठा जनता के सामने लाएंगे।
केंद्रीय विश्वविद्यालय में कई अनियमितताएं हुई हैं औऱ भर्तियों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। केंद्रीय विश्वविद्यालय में भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं की सीबीआई जांच की जानी चाहिए। सरकार को ये भी बताना चाहिए कि जो सैकड़ों करोड़ के टेंडर रद्द हुए थे उन टेंडरों को पुन: उन्हीं ठेकेदारों को पूर्व वाले संलिप्त अधिकारियों द्वारा दिया जा रहा है।
हर मोर्चे पर फेल जयराम सरकार
जीएस बाली ने कहा कि जयराम सरकार प्रबंधन के मामले में पूरी तरह फ़ेल हो चुकी है। भाजपा शासन के साढ़े 3 साल के कार्यकाल में हिमाचल में महंगाई और बेरोजगारी सर्वोच्च स्तर पर है। ऐसा पहली दफ़ा हुआ है कि पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर हो गया। आज तक के इतिहास में इस सरकार ने सबसे ज्यादा कर्ज लिया है जिससे हर हिमाचली कर्ज में डूब चुका है।
डबल इंजन की ये सरकार जनता के विकास की गाड़ी को पटरी से उतार चुकी है, क्योंकि सरकार के पास कोई विज़न नहीं है। हर फैसला दिल्ली से पूछकर लिजा जा रहा है। जयराम सरकार दिल्ली की कठपुतली की तरह काम कर रही है। सरकारें विज़न के साथ चलती हैं न की कठपुतली बनकर। कांग्रेस जल्द भ्रष्ट अधिकारियों और संरक्षण देने वालों को जनता के सामने बेनकाब करेगी।