<p>बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि तेलंगाना सरकार 28 जून 2020 से लेकर 28 जून 2021 तक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की जन्म शताब्दी मना रही है। हिमाचल प्रदेश को भी उस विद्वान और महान प्रधानमंत्री को याद करना चाहिए। क्योंकि उन्होंने हिमाचल को ऐसा अमूल्य उपहार दिया था जिसके कारण हिमाचल प्रदेश को हर साल करोड़ों की आय होती है और जो हर साल बढ़ती जाएगी।</p>
<p>शांता कुमार ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि हिमाचल को यह उपहार तब मिला था जब वह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इसलिए उन्होंने इस वक्तव्य द्वारा उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की है और इसी प्रकार श्रद्धांजली का एक पत्र तेलगांना के मुख्यमंत्री चन्द्रशेखर राव को भेजा है। 1990 में जब वह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। तो नये साधन जुटाने की सोचने लगे। तभी विचार आया कि हिमाचल का पानी बिजली पैदा करता है। कुछ योजनाओं से पूरे देश में विकास होता है परन्तु हिमाचल को कुछ नहीं मिलता। बिलकुल नई बात थी। पानी की रायॅल्टी पूरे देश में कही नहीं मिलती थी। अधिकारियों से बात की और इस विषय की पूरी जानकारी प्राप्त की। मंत्रिमंडल में भारत सरकार से रायॅल्टी की मांग करने का निर्णय किया। विधान सभा में प्रस्ताव लाया तो विपक्ष ने यह कह कर विरोध ही नहीं किया मज़ाक भी किया कि जो कहीं नही मिलता वह हिमाचल को कैसे मिल सकता है।</p>
<p>उन्हें याद है कि उन्होंने कहा था कि हिमाचल का पानी केवल पानी नहीं बिजली पैदा करने का साधन है। कुछ योजनाएं बनी। हिमाचल की धरती डूबी, लोग उजड़े। देश विकास कर रहा है परन्तु हिमाचल को कुछ नहीं मिला। हिमाचल को इन योजनाओं में रायल्टी का अधिकार है। उन्होंने कहा कि वह प्रस्ताव लेकर दिल्ली गये। बिजली मंत्री कल्पनाथ राय से बात की और कुछ अन्य नेताओं से भी मिले। सब जगह मेरी बात अनसुनी कर दी गई। वह रूके नहीं लगातार बात करते रहे। कल्पनाथ राय से निकट के ऐसे स्नेह सम्बंध हो गये थे कि एक बार उनके आग्रह पर वे स्वयं उन्हें प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के पास ले गये। उनसे मेरी मुलाकात एक दृश्टि से एतिहासिक थी, लम्बी बात हुई।</p>
<p>उन्होंने उनकी बात पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया । केन्द्र और प्रदेश के अधिकारियों की एक समिति बनी। कुछ महीने विचार हुआ और फिर सबसे पहले चम्बा में चमेरा और बैरा स्यूल परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश को 12 प्रतिशत बिजली मिलने का समझौता हुआ। वह लगातार प्रयत्न करते रहे। कुछ समय बाद सभी परियोजनाओं में रायॅल्टी देने का समझौता हो गया। इस एतिहासिक निर्णय के कारण हिमाचल प्रदेश को करोड़ो रूपये की आय हो रही है। नई योजनाएं लगेगी इसलिए यह आय लगातार बढ़ती जाएगी।</p>
<p>शांता ने कहा कि श्री नरसिम्हा राव एक विद्वान राश्ट्रवादी उदार विचारों वाले और हिन्दुत्व के प्रति श्रद्धा रखने वाले प्रधानमंत्री थे। श्री अटल जी के साथ उनके बहुत निकट के सम्बन्ध थे। वे श्री अटल जी को गुरूदेव कहते थे। श्री नरसिम्हा राव जी ने एक बार उन्हें और श्री भैरो सिंह शेखावत जी को बुलाकर यह कहा कि वे भी हिन्दू हैं। अयोध्या में राम मन्दिर बनाना चाहते थे। उन्हे विवाद की जगह को छोड़कर मन्दिर बनाने के लिए कहा । उन्होंने उन्हें कहा कि चारों मुख्यमंत्री अपने नेताओं से बात करें। श्री अटल जी और वे इस विषय पर सहमत थे। सबने प्रयत्न किया परन्तु उस वातावरण में उनकी बात सुनी नहीं गई। वह आज भी इस मत के है कि यदि उन दोंनो प्रधानमन्त्रियों की यह बात मान ली होती तो आज अयोध्या में भव्य राम मन्दिर होता। 6 दिसम्बर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना न घटती। बाद में हुए दंगों में सैंकड़ों लोग न मरते और भाजपा की चार सरकारें भंग न होती और इतिहास में पहली बार हिन्दुओं पर मस्जिद तोड़ने का आरोप न लगता।</p>
<p>उन्होने इन संस्मरणों के साथ उस महान प्रधानमंत्री के चरणों में श्रद्धांजली अर्पित की हैं। शांता कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि वे तेलगांना के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर श्रद्धांजली और धन्यवाद अवश्य व्यक्त करें।</p>
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